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Tulsi Benefits: सिर्फ धर्म ही नहीं… सेहत से भी है तुलसी का संबंध

Tulsi Benefits: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की विशेष मान्यता है. तुलसी के पौधे को जड़ी-बूटियों की दुनिया में सबसे पवित्र माना गया है. यही वजह है कि इसे जड़ी-बूटियों की रानी भी कहा जाता है. तुलसी का पौधा जड़ से लेकर पत्ते तक औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसके पत्ते, बीज, तना और जड़ आयुर्वेदिक दवा के रूप में सालों से इस्तेमाल की जा रही है.

वैसे तो तुलसी कई प्रकार की होती है, लेकिन हमारे शास्त्रों में इसके कुछ प्रकारों का वर्णन किया गया है. इनमें कृष्ण तुलसी, राम तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, भू तुलसी, श्वेत तुलसी, नील तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी व नींबू तुलसी मुख्य हैं. हमारे घरों में तुलसी का जो पौधा लगाया जाता है वह दो प्रकार का होता है. इसमें पहला पौधा तो वह है जिसकी पत्तियां गहरी हरी होती हैं, जबकि दूसरे की पत्तियां सामान्य हरी होती हैं. इसके अलावा कुछ लोग काली तुलसी जिसे श्याम तुलसी या कृष्ण तुलसी भी कहते हैं उसे भी घर पर लगाते हैं.

तुलसी के पोधे में अगर कीड़ा लग जाए तो एक चुटकी हल्दी डाल देने से तुलसी का पोधा फिर से हरा – भरा हो जायेगा
तुलसी के पोधे में हल्दी डालने से सुख समृद्धि भी आती है

तुलसी के पौधे का हर हिस्सा इस्तेमाल किया जाता है. तुलसी के बीजों को मिठाइयों और पेय पदार्थों में इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही इनका इस्तेमाल सालों से घरेलू उपचार के रूप में भी किया जाता है. बता दें कि तुलसी के बीजों में फाइबर, प्रोटीन और आयरन प्रचुर मात्रा में होता है. आमतौर पर तुलसी के बीज पेट संबंधी समस्या, वजन घटाने, खांसी और ठंड सहित कई आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल होता है.

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Tulsi Benefits: दिल की बीमारियों में लाभदायक

तुलसी के बीज हमारे कोलेस्‍ट्रॉल लेवल को संतुलित बनाए रखते हैं. इसे हाइपरटेंशन के लिए आयुर्वेदिक दवा के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है. हाई कोलेस्‍ट्रॉल और हाई ब्‍लड प्रेशर हमेशा से दिल के लिए खतरनाक रहे हैं. ऐसे में इन दोनों समस्‍याओं के लिए तुलसी के बीज को बहुत प्रभावी माना गया है. तुलसी के बीज में साथ ही एंटी इंफ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं जो शरीर की सूजन कम करने में मदद करते हैं.

Improve Immunity: इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार

तुलसी के बीजों में फ्लैवोनोइड्स और फेनोलिक पाया जाता है, जो हमारे शरीर की इम्यूनिटी को सुधारता है. इन बीजों के इस्तेमाल से इम्यूनिटी बेहतर होती है. चूंकि तुलसी के बीज एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरे होते हैं, इसिलए फ्री रेडिकल्‍स के डैमेज की वजह से उम्र से पहले बुढ़ापे आने से भी रोकने में कारगर है.

Tulsi Benefits: पेट की बीमारियों में रामबाण

तुलसी के बीजों को पेट की समस्या के लिए रामबाण इलाज माना जाता है. दरअसल, तुलसी के बीजों को जब आप पानी में भिगोकर रखते हैं, तो यह फूल जाते हैं और इसके ऊपर एक जिलेटिन की परत बन जाती है. इस पानी को पीने से इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद फाइबर आंतों की अच्‍छी तरह से सफाई करता है. यह कब्‍ज, एसिडिटी और अपच की समस्‍या को दूर करता है.

Tulsi Benefits for Weight reduction/Loss: वजन घटाने में सहायक

तुलसी के बीजों में कैलोरी बहुत ही कम मात्रा में पाई जाती है. इसके सेवन से आपकी भूख कम होती है. जो लोग अपना वजन घटना चाहते हैं, उन्हें तुलसी के बीजों का सेवन करना चाहिए. तुलसी के बीज में हाई फाइबर आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगने देते.

Tulsi Benefits in Cough & Cold: सर्दी जुकाम में फायदेमंद

सर्दी-जुकाम, खांसी जैसी मौसमी बीमारियां आम है. आयुर्वेद में भी तुलसी के पत्तों का प्रयोग काढ़े के रूप में इन बीमारियों के लिए किया जाता रहा है. इसके पीछे वजह यह है कि तुलसी में एंटीस्पाज्मोडिक प्रभाव होता है, जो सामान्य ठंड और खांसी जैसी स्थिति में सुधार लाने में मदद करता है. आप बुखार को कम करने के लिए भी इसका उपयोग कर सकते हैं.

Benefits in depression: तनाव दूर करे

तुलसी के बीजों का दिमागी स्वास्थ्य पर काफी अच्‍छा प्रभाव पड़ता हैं. इसकी वजह से तनाव और चिंता जैसी समस्‍याओं से आप छुटकारा पा सकते हैं. तुलसी के बीजों के सेवन को मानसिक समस्‍याओं से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेदिक दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.

तुलसी की पत्तियां कैसे खानी चाहिए?

कई लोग तुलसी को खाली पेट खाते हैं, तो कई लोग दिनभर में कभी भी इसे खा लेते हैं। तुलसी शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है। तुलसी सर्दी, खांसी, जुकाम, कफ, गले में दर्द, शरीर में दर्द, और बुखार आदि में खाई जाती है। कई लोग तुलसी को काढ़ा बनाकर और चाय के रुप में भी इसका सेवन करते हैं। तुलसी को लेते समय ध्यान रखें कि इसे कभी चबाकर नहीं खाना चाहिए। तुलसी को चबाकर खाने से शरीर को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। तुलसी के पत्तों को चबाकर खाने के बजाय निगलकर खाने की सलाह दी जाती है।

 तुलसी को चबाकर खाने का असर

तुलसी को चबाकर खाने से दांत खराब हो सकते हैं। तुलसी के पत्तों में पारा ( Mercury) पाया जाता है, जो दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है। तुलसी को नियमित चबाने से मरकरी मुंह में आता है, जिससे दांतों के इनेमल (बाहरी पर्त) खराब हो सकता है।इसके अलावा तुलसी की पत्तियां प्राकृतिक रुप से थोड़ी एसिडिक भी होती हैं, जिस कारण इसे रोज खाने से दांत खराब हो सकते हैं।

Tulsi Benefits: तुलसी का सेवन कैसे करें

तुलसी की पत्तियों को निगलकर खाया जा सकता है। इसके अलावा तुलसी को काढ़ा या चाय के रूप में भी लिया जा सकता है। बच्चों या घर के बुजुर्गों को मौसमी बीमारियों से बचाने के लिए तुलसी का काढ़ा दिया जा सकता है। ये सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। तुलसी की चाय डायबिटीज रोगी भी आसानी से पी सकते हैं।

Tulsi Benefits: हर रोज़ कितनी मात्रा में कर सकते हैं तुलसी का सेवन

एक्सपर्ट की मानें तो रोजाना तुलसी की कम से कम 2 पत्तियों को चबाने से आपको पाचन की समस्या से राहत मिल सकती है। इसके साथ ही यह आपी पाचन शक्ति बढ़ाने में भी मददगार है। तुलसी में अधिक मात्रा में मर्करी और आयरन मौजूद होते हैं। इसलिये यह हमेशा याद रखें कि इसमें मौजूद आयरन और मर्करी आपके दांतों के एनामेल को कम कर सकते है। बचाव के लिए हर बार पत्तों को चबाने के बाद अच्छी तरह कुल्ला करना न भूलें।

नोट:- इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी Riturecipe.com की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

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