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Milk test: बच्चों को कहीं आप भी तो नहीं पिला रहे मिलावटी दूध? 0 खर्चे में ऐसे करें असली-नकली की पहचान

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Milk test: बच्चों को कहीं आप भी तो नहीं पिला रहे मिलावटी दूध? 0 खर्चे में ऐसे करें असली-नकली की पहचान
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Milk test: हमारे घर में दूध का इस्तेमाल हर दिन होता है. बच्चों को दूध पिलाने से लेकर चाय के साथ कई पकवानों में भी दूध का किसी ना किसी तरह से हम सेवन करते हैं. छोटे बच्चों के विकास के लिए वैसे भी दूध बहुत जरूरी है. लेकिन बाजार में दूध में मिलावट का धंधा कोई नई बात नहीं. पहले जहां दूध में सिर्फ पानी मिलाया जाता था, वहीं आज के समय में पूरा का पूरा दूध ही नकली (Adulterated milk) बनाया जा रहा है. ऐसे दूध का सेवन बच्चों से लेकर बड़ों सभी के स्वास्थय के लिए बेहद खतरनाक है.

अब आपके घर में आने वाला दूध असली है या नकली, इसकी पहचान करना भी बहुत जरूरी है. खासकर त्योहारों के वक्त नकली दूध की सप्लाई ज्यादा बढ़ जाती है, ऐसे में सतर्कता बहुत जरूरी है. कई बार समाचारों में भी आपने देखा होगा कि डिटर्जेंट पाउडर से लेकर, रंग और केमिकल मिलाकर दूध तैयार हो रहा है. इस दूध को देखकर आप पहचान ही नहीं पाएंगे कि यह असली है या नकली. लेकिन आपको घबराने की जरूरत नहीं, आज हम आपको घर बैठे दूध की शुद्धता चेक करने के कुछ तरीके बताएंगे.

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Milk test: दूध को सूंघे

दूध का इस्तेमाल करने से पहले आप इसे एक बार सूंघकर जरूर देख लें. अगर दूध में से साबुन, डिटर्जेंट या किसी केमिकल की गंध आ रही है, तो ऐसे दूध का इस्तेमाल बिल्कुल ना करें. असली दूध के मुकाबले सिंथेटिक दूध की गंध काफी अजीब होती है. इस दूध में झाग भी ज्यादा बनेगा और पीने पर इसका स्वाद भी अजीब सा महसूस होगा.

Milk test: फ्लोर पर गिराकर करें टेस्ट

दूध में मिलावट (Adulterated milk) का पता लगाने के लिए स्लिप टेस्ट ट्राई कर सकते हैं. इसके लिए दूध की कुछ बूंदों को चिकनी या पॉलिश फर्श पर गिरा दें. अगर दूध असली होगा तो दूध की बूंद बहते हुए पीछे निशान छोड़ देगी. जबकि सिंथेटिक दूध की बूंद से कोई निशान नहीं बनेगा.

Milk test: खोया बनाकर करें चेक

दूध की शुद्धता जांचने के लिए आप उस दूध का खोया बनाकर भी देख सकते हैं. इसके लिए दूध को 2-3 घंटों तक गैस पर रखकर धीमी आंच पर उबालें. अगर दूध शुद्ध होगा तो उसका खोया काफी सॉफ्ट बनेगा. लेकिन अगर दूध मिलावटी(Adulterated milk) होगा, तो खोया काफी ठोस रहेगा.

Milk test: लिटमस पेपर से करें जांच

असली दूध की पहचान के लिए आप वैज्ञानिक तरीके का प्रयोग भी कर सकते हैं. दरअसल, कई बार सिंथेटिक दूध में की गई मिलावट के बाद उसके स्वाद को न्यूट्रलाइज करने के लिए इसमें यूरिया का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में आप इसे स्वाद या सुगंध से नहीं पहचान पाएंगे. ऐसे दूध की पहचान करने के लिए आप आधा चम्मच दूध के साथ सोयाबीन पाउडर मिक्स करें. अब इस मिक्सचर में लिटमस पेपर पर डाल दें. कुछ देर में पेपर का रंग यदि लाल या नीला होता है तो समझ जाएं कि आपके दूध (Adulterated milk) में मिलावट है.

इन कुछ तरीको से आप नकली दूध की पहचान करके अपने परिवार को नकली दूध से होने वाले नुक्सान से बचा सकते है

Jaggery Benefits: गुड़ खाने से होते हैं गजब फायदे, इन 7 समस्याओं से दिलाता है राहत

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Jaggery Benefits: गुड़ खाने से होते हैं गजब फायदे, इन 7 समस्याओं से दिलाता है राहत
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Jaggery Benefits, Gud ke Fayde: गन्ने के रस से बनने वाला गुड़ हमारे देश में सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है. इसे एक तरह की प्राकृतिक मिठाई के तौर पर पूरी दुनिया में पहचान मिली है.प्रदूषण (pollution) की वजह से साँस लेने में परेशानी हो तो गुड़ को अपनी डाइट में शामिल करे.गुड़ श्व्सन तंत्र की सफाई के लिए भी बहुत फायदेमंद है.

खासतौर पर सर्दियों में गुड़ खाने से जुकाम और कफ की समस्या नहीं होती है. गुड़ खाने से साथ ही हमारे शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है. प्रतिदिन खाना खाने के बाद गुड़ का एक टुकड़ा खाने की आदत डालने से हमारा पाचन तंत्र बहुत अच्छे ढंग से काम करता है. इसके साथ ही यह बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में भी बहुत मदद करता है. तो चलिए जानते है कि गुड़ खाने से और कौन से लाभ होते हैं.

Jaggery Benefits: ब्लड प्रेशर को करे कंट्रोल

गुड़ हमारे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है. हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे रोगियों के के लिए तो गुड़ का सेवन करना अमृत के सामान माना जाता है.

Jaggery Benefits: स्टैमिना बढ़ाए

गुड़ में मौजूद पोषक तत्व हमारे शरीर की कार्यक्षमता बढ़ाने में बेहद मददगार हैं. इसके चलते शरीर का स्टैमिना बढ़ता है और हम चुस्त-दुरुस्त रहते हैं. आप चाहें तो गुड़ को सीधे ही खा सकते है और यदि आपको गुड़ ज्यादा पसंद नहीं है तो आप गुड़, नींबू का रस और काला नमक मिला कर इसका सेवन कर सकते हैं.

Jaggery Benefits: आंखों की कमजोरी में फायदेमंद

जिन लोगों को आंखों की रौशनी से सम्बंधित समस्या होती है उनके लिए गुड़ बहुत लाभकारी है. यह हमारी आंखों की कमजोरी को दूर कर आंखों की रौशनी को बढ़ाने में कारगर पाया गया है.

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Jaggery Benefits: हड्डियों को बनाए मजबूत

गुड में कई प्रकार के पोषक तत्वों के साथ कैल्शियम और फास्फोरस भरपूर मात्रा में पाया जाता है. कैल्शियम और फास्फोरस हमारी हड्डियों को मजबूती देता है. खासकर बढ़ती उम्र के बच्चों की हड्डियों में मजबूती के लिए गुड़ खाना बेहद जरूरी है.

Jaggery Benefits: दिमाग रखे स्वस्थय

गुड़ हमारे दिमागी स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है.नियमित रूप से गुड़ खाने से याददाश्त भी अच्छी होती है.

Jaggery Benefits: इन अंगो की सफाई के लिए

गुड़ एक क्लींजिंग एजेंट की तरह भी हमारे शरीर में काम करता है. फेफड़ों, गले , पेट, और आंतों की सफाई करने में गुड़ काफी मददगार साबित हो सकता है. जिन लोगों को प्रदूषण (Pollution) के चलते सांस लेने में दिक्कत हो रही है, वह गुड़ को अपनी डेली डाइट में शामिल कर सकते हैं.

Jaggery Benefits: एलर्जी में भी फायदेमंद

एलर्जी की परेशानी से गुजर रहे लोगों के लिए भी गुड़ की मिठास और तासीर फायदेमंद हो सकता है. इंस्टेंट एनर्जी पाने के लिए गुड़ एक अच्छा सोर्स माना जाता है, जिसके अंदर आयरन की भरपूर मात्रा में मौजूदगी ब्लड बढ़ाकर एनीमिया के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है.

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Jaggery Benefits: गुड़ के अन्य फायदे

गुड़ का स्वाद और मिठास अधिकतर लोगों को बहुत पसंद है, लेकिन इसके फायदे भी उतने ही लुभावने होते हैं. गुड़ हमारे फेफड़ों के लिए कवच की तरह सुरक्षा देने का काम कर सकता है. गुड़ में एंटी एलर्जी और स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं, जो हमारे शरीर के टेम्प्रेचर को कंट्रोल में रखने में मदद करते हैं. यदि गुड़ का रोजाना इस्तेमाल किया जाए, तो बॉडी में ऑक्सीजन की आपूर्ति भी बढ़ाई जा सकती है. गुड़ वायु प्रदूषण से बॉडी को हुए नुकसान की भरपाई करने में मददगार होते हैं.

Jaggery Benefits: ठंड में करें गुड़ का सेवन

गुड़ के सेवन से सर्दी-जुकाम, खून की कमी, अपच और एसिडिटी, जैसी समस्याओं में तुरंत राहत मिलती है. सर्दियों के मौसम में गुड़ खाना किसी औषधि से कम नहीं माना जाता है. आयुर्वेद के अनुसार, गुड़ सुपरफूड है, जो श्वसन पथ की सफाई के लिए सबसे बेहतर तरीका है.

How to consume: गुड़ खाने का तरीका

वैसे तो आप खाना खाने के बाद गुड़ का सेवन करे.गुड़ खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए.यदि ऐसा करते है तो खांसी की समस्या हो सकती है.अतः गुड़ खाने के 30-45 मिनट बाद ही पानी पिए.

Hing Benefits: मर्दाना ताकत के लिए काफी 1 ग्राम से भी कम हींग, ऐसे करें इस्तेमाल

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Hing Benefits: मर्दाना ताकत के लिए काफी 1 ग्राम से भी कम हींग, ऐसे करें इस्तेमाल
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Hing Benefits: तेजी से बदलते लाइफस्टाइल, खान-पान और पूरी नींद ना लेने के कारण आजकल लोगों में यौन संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ती जा रही है. ऐसे में स्टैमिना(Stamina) को बढ़ाने के लिए ना सिर्फ अपने लाइफस्टाइल को सुधारने की जरूरत है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक चीजों का इस्तेमाल भी जरूरी है. आपके किचन में मौजूद ऐसी ही एक चीज के बारे में हम आपको आज बताने जा रहे हैं, जो आपके स्टैमिना(Stamina) के लिए बूस्टर का काम करेगी.

आज हम बात कर रहे हैं हींग की, जो हर घर के किचन में इस्तेमाल की जाती है. वैसे तो हींग का उपयोग खाने में तड़का लगाने के लिए होता है, लेकिन आप इसके इस्तेमाल से अपनी मैरिड लाइफ बेहतर बना सकते हैं. इसके लिए आपको चाहिए बहुत ही थोड़ी सी हींग… मात्रा में बताएं तो सिर्फ 0.06 ग्राम ही काफी है, यानि राई के एक दाने के बराबर.

Hing Benefits: पावर बढ़ाने में मददगार है हींग

डॉक्टर और एक्सपर्ट वैसे तो स्टैमिना(Stamina) बढ़ाने के लिए सही डाइट और बेहतर खानपान की सलाह देते हैं. लेकिन हम भारतीय जल्दी डॉक्टर के पास नहीं जाते, खासकर तब जब बात इस चीज से जुड़ी हो. ऐसे में लोग इंटरनेट पर इससे जुड़ी चीजें सर्च करने लगते हैं. ऐसे में कई बार लोग गलत चीजों का इस्तेमाल कर खुद को नुकसान भी पहुंचा लेते हैं.

लेकिन प्रकृति ने हमारे आसपास ही हर चीज का समाधान दिया है. हींग का सही इस्तेमाल ना सिर्फ खाने का स्वाद और खुशबू बढ़ाने के लिए होता है, बल्कि सालों से इसका इस्तेमाल पुरुषों में नपुसंकता के इलाज के लिए घरेलू नुस्खे की तरह किया जाता रहा है.

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हींग पुरुषों के शरीर में कामोत्तेजक के रूप में काम करती है. जिन पुरुषों में प्रीमैच्युर इजाक्युलेशन की समस्या होती है, उनके लिए हींग प्राकृतिक रूप से बिना किसी साइड इफेक्ट के लाभ पहुंचाती है. हींग के इस्तेमाल से शरीर के प्रजनन अंग में रक्त संचार बढ़ा ता है, जिससे उत्तेजना बढ़ती है। डॉक्टर भी हींग के इस्तेमाल को सही मानते हैं.

डॉक्टर एचके बाखरू की ‘हर्ब दैट हील: नैचुरल रेमिडी फॉर गुड हेल्थ’ नाम की किताब में भी इसका जिक्र किया गया है. उन्होंने इस किताब में बताया है कि 40 दिनों तक 6 सेंटीग्राम (0.06 ग्राम) हींग का सेवन करने से पुरुष अपनी मैरिड लाइफ और टाइमिंग को बेहतर बना सकते हैं।

Hing Benefits: ऐसे करें इस्तेमाल

Hing Benefits: शहद, घी के साथ मिलाकर करें इस्तेमाल

पुराने घरेलू नुस्खों की बात की जाए तो स्टैमिना(Stamina) बढ़ाने के लिए लगभग 0.06 ग्राम हींग को घी में फ्राई करें. इसके बाद इसमें शहद और बरगद के पेड़ का लैटेक्स मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें. अब इस मिश्रण का सेवन पुरुषों को सुबह सूर्योदय से पहले खाली पेट 40 दिन तक करना चाहिए. इससे नपुसंकता की समस्या को दूर करने में राहत मिलती है.

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Hing Benefits: लगाएं हींग का तड़का

हींग का इस्तेमाल खाने के रूप में करना सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। चूंकी हींग का स्वाद बेहद तेज होता है, तो इसे हर कोई सीधा नहीं खा सकता. ऐसे में हींग को तड़के के रूप में इस्तेमाल करना सबसे अच्छा विकल्प है।

Hing Benefits: गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं

इरेक्टाइल डिसफंक्शन और प्रीमैच्युर इजैक्यूलैशन जैसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप हींग का इस्तेमाल ड्रिंक की तरह भी कर सकते हैं. इसके लिए आप एक गिलास गुनगुने गर्म पानी में एक चुटकी हींग पाउडर मिलाकर सेवन करना शुरू कर सकते हैं.

नोट:- इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी Riturecipe.com की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

Spices Benefits: आपके किचन में रखे ये 3 मसाले हैं कई बीमारियों का रामबाण इलाज, आज से ही शुरू करें इनका इस्तेमाल

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Spices Benefits: आपके किचन में रखे ये 3 मसाले हैं कई बीमारियों का रामबाण इलाज, आज से ही शुरू करें इनका इस्तेमाल
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Spices Benefits: दुनिया में भारत ही शायद एक ऐसा देश है, जहां सबसे ज्यादा मसालों का इस्तेमाल और उत्पादन किया जाता है. आपके किचन में रखे ये मसाले कई बीमारियों का रामबाण इलाज हैं. ये मसाले ना सिर्फ आपके खाने का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि आपके स्वास्थ्य को दुरुस्त भी रखते हैं.

आज हम आपको किचन में रखे ऐसे ही 3 मसालों के बारे में बताएंगे, जो खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छे हैं. ये मसाले आपको छोटी मोटी बीमारियों से बचा कर तो रखते ही हैं, साथ ही साथ इनमें मौजूद तत्व आपकी इम्यूनिटी बूस्ट भी करते हैं.

Spices Benefits: लौंग

सबसे पहले बात करते हैं लौंग की. इसके स्वास्थ्य लाभों का जिक्र आयुर्वेद में भी है. एंटीऑक्सीडेंट, मिनरल्स, एंटी माइक्रोबियन, एंटी वायरल और एनाल्जेसिक गुणों से भरपूर लौंग सर्दी-खांसी, कफ, जुकाम, बुखार और इन्फेक्शन के लिए फायदेमद मानी गई है. इसके साथ ही लौंग शरीर में इम्यूनिटी बूस्टर का काम भी करती है. रोजाना लौंग के इस्तेमाल से कई छोटी मोटी बीमारियों के साथ संक्रमण से भी बचा जा सकता है.

खासकर सर्दी के मौसम में लौंग का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. इसके साथ ही दांत में दर्द से परेशान हैं तो लौंग पहला उपचार है. दांत में कीड़ा लगने पर लौंग का तेल दर्द में काफी राहत देता है. इसके साथ ही मुंह से बदबू, मसूड़ों में दर्द, सूजन और पायरिया की समस्या के लिए भी लौंग लाभकारी है. लौंग इसके अलावा साइनस और पाचन तंत्र को भी ठीक करती है.

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Spices Benefits: दालचीनी

आमतौर पर दालचीनी का इस्तेमाल घरों में खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है. लेकिन यह मसाला सेहत के लिए बहुत अच्छा है. दरअसल, दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है. दालचीनी के रेगुलर इस्तेमाल से दिल की बीमारियों से बचाव के साथ ब्लड शुगर कंट्रोल और सूजन को कम किया जा सकता है.

दालचीनी में सिनामाल्डिहाइड नाम का तत्व पाया जाता है. यह तत्व जीवाणुरोधी होता है, जो संक्रमण से आपको बचाता है. इसके साथ ही दांतों में सड़न और सांसों की बदबू को भी कम करता है. दालचीनी के पाउडर का इस्तेमाल कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में भी किया जाता है. यह आपके चेहरे के लिए क्लीन्जर का काम भी करती है. इसके साथ ही शरीर में सूजन कम करने में दालचीनी लाभकारी होती है. दालचीनी में मौजूद तत्व शरीर में इंसुलिन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाती है, जिससे यह ब्लड शुगर के रोगियों के लिए फायदेमंद होती है.

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Spices Benefits: सौंफ

सौंफ का इस्तेमाल वैसे तो हर घर में माउथ फ्रेशनर के तौर पर ज्यादा होता है. सौंफ एक ऐसा मसाला है जो खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ आपकी सेहत के लिए बहुत लाभकारी है. सौंफ में सोडियम, कैल्शियम, पोटाशियम और आयरन की भरपूर मात्रा होती है. सौंफ के रोजाना इस्तेमाल से पाचन संबंधी समस्या में लाभ मिलता है.

चूंकि सौंफ में पोटेशियम पाया जाता है, इसलिए यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने और दिल को स्वस्थ्य रखने में मददगार मानी जाती है. इसके साथ ही जिन लोगों में खून की कमी होती है, उन्हें भी सौंफ का सेवन करना चाहिए. सौंफ में आयरन की अच्छी मात्रा होती है, इसलिए यह शरीर में खून को बढ़ाने का काम करती है. पाचन संबंधी समस्याओं के लिए तो सौंफ रामबाण इलाज मानी जाती है. सुबह के समय सौंफ का सेवन करने से इसमें मौजूद फाइबर व अन्य तत्व आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में मदद करते हैं.

Fake saffron Test: केसर असली या नकली? इन 4 तरीकों से करें पहचान

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Fake saffron Test: केसर असली या नकली? इन 4 तरीकों से करें पहचान
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Fake saffron Test: दुनिया में केसर ही एकमात्र ऐसा मसाला है, जो सबसे महंगा बिकता है. इसमें मौजूद औषधीय गुण कई बीमारियों की रामबाण दवा मानी जाती है. केसर में बड़ी मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी , एंटीअल्जाइमर, एंटीकॉनवल्सेन्ट और एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण पाए जाते हैं. केसर का सालों से इस्तेमाल भूख बढ़ाने, बलगम निकालने, अच्छे हाजमे और मसूड़ों की समस्या को दूर करने के लिए भी किया जाता है.

आमतौर पर केसर का सेवन लोग दूध के साथ रात में करते हैं, जिससे नींद बहुत अच्छी आती है. अब दुनिया का सबसे महंगा मसाला होने की वजह से जाहिर तौर पर नकली केसर की बिक्री भी धड़ल्ले से की जाती है. नकली केसर की पहचान करना भी थोड़ा मुश्किल होता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएंगे जिससे असली केसर की पहचान करने में आपको मदद मिलेगी.

Fake saffron Test: कैस करें असली केसर की पहचान

Fake saffron Test: रंग से करें पहचान

जब भी आप बाजार से केसर लेकर आएं तो उसे पानी में डालकर देखें, अगर वह तुरंत अपना रंग छोड़ दे तो समझिए आप मिलावटी केसल ले आए हैं. केसर में मिलावट की गई है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए सबसे पहले एक कांच का जार लें. अब इसे 70 से 80 डिग्री तक गर्म किया गया पानी डालें. इसके बाद इस पानी में केसर की कुछ पंखुडियां डाल दें. अगर आपका केसर असली है तो पानी में केसर की तरह का रंग धीरे-धीरे छूटेगा. अगर केसर में मिलावट की गयी है तो केसर से रंग तुरंत छूटने लगेगा.

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Fake saffron Test: चखकर देखें

केसर को चखकर भी इसके स्वाद से असली-नकली की पहचान कर सकते हैं. सबसे पहले केसर की 2 पंखुड़ियों को जीभ पर रखकर इसे चबाएं. अगर केसर का स्वाद आपको ज्यादा मीठा लगे है तो इसका मतलब आपका केसर नकली है. केसर की गंध भले ही मीठी होती है, लेकिन इसका स्वाद हल्का कड़वा होता है.

Fake saffron Test: सुगंध से करें पहचान

असली और नकली केसर की पहचान उसकी खुशबू से भी कर सकते हैं. असली केसर की सुगंध शहद की तरह से अलग होती है. जबकि अगर केसर में मिलावट की गयी है तो उसमें कड़वी या अजीब सी गंध आती है.

Fake saffron Test: जुबान पर रखकर करें चेक

बाजार से केसर खरीदकर जब भी आप लाएं तो उसे अपनी जुबान पर रखकर देखें अगर 15 से 20 मिनट बाद आपको सिर में गर्मी महसूस होने लगे तो समझ जाइए केसर असली है. इसके अलावा केसर की पहचान करने के लिए आप एक कप में पानी और उसमें बेकिंग थोड़ा सा सोडा मिला लीजिए. अगर वह संतरी रंग छोड़ दे तो समझ जाइए केसर नकली है. असली केसर पीला रंग छोड़ता है तो वह असली है.

Fake saffron Test: ये अन्य टिप्स भी आएंगे काम

असली केसर हाथ से दबाने पर टूट जाता है. अगर यह नहीं टूटता तो समझ जाइए केसर नकली है. इसके अलावा केसर के रेशे गरम पानी और दूध में डालने पर घुलते नहीं हैं तो यह नकली है. ये धागेनुमा इतने पतले होते हैं कि वो गर्माहट पाते ही घुल जाते हैं.

Check Plastic Rice: कहीं आप भी तो नहीं खा रहे हैं प्लास्टिक के चावल, इन 4 तरीकों से करें असली-नकली की पहचान

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Check Plastic Rice: कहीं आप भी तो नहीं खा रहे हैं प्लास्टिक के चावल, इन 4 तरीकों से करें असली-नकली की पहचान
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Check Plastic Rice, Fake Rice Test: हमारे घर की रसोई में चावल का इस्तेमाल कई व्यंजन बनाने में किया जाता है. चावल को बच्चों से लेकर बड़े तक स्वाद लेकर खाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजार से आप जो चावल लेकर आ रहे हैं, क्या वह असली है?

आमतौर पर तो लोग ये मानने को तैयार ही नहीं होंगे कि चावल भी नकली हो सकते हैं, लेकिन यह सच है. मार्केट में इन दिनों नकली चावल खूब बिक रहा है. यह चावल इतनी बारीकी से तैयार किया जाता है कि आपको पता भी नहीं लगेगा कि जो चावल आप खा रहे हैं, वह दरअसल प्लास्टिक से बना है.

प्लास्टिक के चावल देखने में हूबहू असली चावल की तरह ही दिखते हैं. यहां तक कि पकने के बाद भी प्लास्टिक के चावल की पहचान नहीं की जा सकती. ऐसे में लोग चावल की जगह अनजाने में ही प्लास्टिक अपने पेट में भर रहे हैं. नकली या प्लास्टिक के चावल की पहचान करने के लिए आज हम आपको कुछ टिप्स दे रहे हैं. आप आसान तरीके से घर पर ही असली और नकली चावल की पहचान कर सकते हैं.

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Check Plastic Rice: चावल को जलाकर देखें

बाजार से लाए चावल की क्वालिटी चेक करने के लिए पहले थोड़े से चावल लेकर उन्हें जलाएं. अगर चावल के जलने पर प्लास्टिक की महक आ रही है, तो समझ जाएं कि यह नकली चावल हैं. चाहें तो चावल का पानी यानी मांड को गाढ़ा करके भी उसे जलाकर देख सकते हैं. अगर मांड प्लास्टिक की तरह जलने लगे तो वह नकली हैं.

Check Plastic Rice: चूना मिलाकर करें चेक

थोड़े से चावल को एक बर्तन में निकालें और फिर इसमें चूना और पानी का घोल बना लें. इस घोल में चावलों को कुछ देर भिगोकर छोड़ दें. अगर चावल का रंग बदलने लगे या यह रंग छोड़ने लगे तो समझ जाइए कि चावल नकली हैं.

Check Plastic Rice: पानी से चावल की पहचान

असली और नकली चावल की पहचान के लिए एक चम्मच चावल को एक कटोरी पानी में डाल दें. थोड़ी देर में अगर चावल पानी में डूब जाए तो वह असली है. अगर चावल पानी में ऊपर ही तैरने लगे तो वह नकली चावल है, क्योंकि प्लास्टिक कभी पानी में नहीं डूबता.

Check Plastic Rice: गर्म तेल से करें जांच

प्लास्टिक के चावल की पहचान गर्म तेल के जरिए आसानी से की जा सकती है. इसके लिए खौलते गर्म तेल में एक मुट्ठी चावल डालें. अगर चावल पिघलकर चिपकने लगे तो यह प्लास्टिक के चावल हैं. ऐसे चावल का सेवन बिल्कुल भी ना करें.

Nutmeg Benefits: जायफल को हल्के में न लें, होते हैं ये गजब फायदे

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Nutmeg Benefits: जायफल को हल्के में न लें, होते हैं ये गजब फायदे
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Nutmeg Benefits: जायफल देखने में तो वैसे तो एक सुपारी की तरह दिखता है, लेकिन यह हमारे खाने का स्वाद और सुगंध दोनों कई गुना बढ़ा देता है. हमारे किचन में इस्तेमाल होने वाले मसालों में जायफल काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जायफल कई तरह के पोषक तत्वों और औषधीय गुणों से भरपूर है.

मिरिस्टिका फ्रेग्रेंस के पेड़ के बीज को को जायफल (Nutmeg or Jaiphal) कहा जाता है. नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी कल इंफॉर्मेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित हुई एक शोध के अनुसार, जायफल को हजारों वर्षों से दवाई की तरह इस्तेमाल किया जाता रहा है.

वैसे तो जायफल का सेवन बहुत कम लोग करना पसंद करते हैं, क्योंकि इसका स्वाद गर्म और थोड़ा अखरोट जैसा होता है. लोग अक्सर इसका उपयोग डेजर्ट या करी में करते है. जायफल में ऐसे कई यौगिक होते हैं, जो बीमारी को रोकने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं. इस आर्टिकल में हम आपको जायफल स्वास्थ्य लाभों (Nutmeg or Jaiphal Benefits) के बारे में बताने जा रहे हैं।

Nutmeg Benefits: सूजन से दिलाए राहत

जायफल के अंदर एंटी इंफ्लेमेटरी यौगिकों पाया जाता है, जिसे मोनोटेरेप्स कहा जाता है. इसमें साबिनिन, टेरपिनोल और पिनीन शामिल है. ये हमारे शरीर में पुरानी सूजन वाली स्वास्थ्य स्थिति जैसे दिल की बीमारी, डायबिटीज और गठिया से राहत दिलाने में कारगार है. एक अध्ययन में सूजन वाले चूहों को इंजेक्शन लगाया गया. उनमें से कुछ को जायफल का तेल दिया गया. तेल का सेवन करने वाले चूहों ने सूजन और सूजन संबंधी दर्द का कम असर देखने को मिला.

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Nutmeg Benefits: एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध

जायफल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. इसमें फेनोलिक यौगिक और प्लांट पिगमेंट्स शामिल हैं, जो सेल्यूलर डैमेज को रोककर पुरानी बीमारियों से बचाव कर सकते हैं. दरअसल, जिन बीजों से जायफल निकाला जाता है, वे पौधों के यौगिक से भरपूर होते हैं. यह आपके शरीर में एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले सेल्यूलर डैमेज को रोकते हैं.

Nutmeg Benefits: एंटीबैक्टीरियल गुणों का खजाना

जायफल एंटीबैक्टीरियल गुण से भरपूर होता है. कभी-कभी स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स और एग्रिगेटिबेक्टेरिन, एक्टिनोमाइसेटेमकोमिटन्स जैसे बैक्टीरिया हमारे मसूडों को खराब कर देते हैं. टेस्ट ट्यूब रिसर्च से पता चला है कि जायफल ई-कोलाई नामक बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मददगार है, जो कई गंभीर बीमारी के साथ मौत का भी कारण बन सकता है.

Nutmeg Benefits: जायफल के स्वास्थ्य लाभ

जायफल हमारे दिल के लिए बेहद फायदेमंद है. पशुओं पर की गई स्टडीज बताती हैं कि जायफल की खुराक लेने से दिल के रोग के जोखिम कारक कम हो जाते हैं. इसके साथ जायफल ब्लड शुगर कंट्रोल करने में फायदेमंद साबित हुआ है. एक अध्ययन से इस बात का पता चला है कि अच्छी खुराक वाले जायफल के अर्क से बल्ड में मौजूद शुगर का स्तर काफी कम हो जाता है.

जानवरों पर की गई स्टडी के अनुसार, जायफल मूड को बढ़ावा देने, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और दिल से जुड़े जोखिम कारकों को कम करने में मददगार है. इन संभावित स्वास्थ्य लाभों की जांच के लिए मनुष्यों में टेस्ट की जरूरत है.

गर्म ओर मीठा स्वाद होने की वजह से जायफल को अलग-अलग मीठे और नमकीन खाद्य पदार्थों के साथ मिलाया जाता है. इस लोकप्रिय मसाले को आप अकेले या फिर मसालों जैसे इलायची, दालचीनी और लौंग के साथ मिला सकते हैं. हल्की सी मिठास के कारण इसे पाई, केक, कुकीज, ब्रेड और कस्टर्ड में खासतौर से इस्तेमाल किया जाता है. जायफल को यदि स्टार्च वाली सब्जियों पर छिड़का जाए, तो स्वाद और भी दिलचस्प हो जाता है. यदि आप पूरे जायफल का उपयोग कर रहे हैं, तो बेहतर है कि इसे ग्राइंडर से पीस लें.

Nutmeg Benefits: जायफल के नुकसान

कम मात्रा में जायफल का सेवन करने से कोई नुकसान नहीं होता है. हालांकि, इसकी अधिक मात्रा आपको नुकसान पहुंचा सकती है. जायफल दिल की धड़कन तेज होना, मतली और उल्टी महसूस होने जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है. अन्य दवाओं के साथ लेने पर ये मौत का कारण भी बन सकता है. लंबे समय तक जायफल की ज्यादा खुराक से कुछ अंगों को नुकसान भी हो सकता है. इन संभावित हानिकारक साइड इफेक्टस से बचने के लिए बड़ी मात्रा में जायफल का सेवन करने से बचें.

Guava Leaf Tea Benefits: भूल जाएंगे महंगी दवाइयां, रोज पिएं सिर्फ 1 कप अमरूद के पत्तों से बनी चाय

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Guava Leaf Tea Benefits: भूल जाएंगे महंगी दवाइयां, रोज पिएं सिर्फ 1 कप अमरूद के पत्तों से बनी चाय
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Guava Leaf Tea Benefits: अमरूद का फल तो सभी ने खाया ही होगा. अमरूद के स्वाद से तो हर कोई परिचित है, लेकिन इसके फायदों के बारे में कम ही लोग जानते हैं. अमरूद में कई औषधीय गुण होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं. अमरूद के फल ही नहीं, बल्कि इसके पत्ते फल से भी ज्यादा सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं.

दरअसल, अमरूद के पत्ते कई पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जिसके चलते यह फलों से भी ज्यादा गुणकारी हैं. अपने इन्हीं औषधीय गुणों के चलते कई जगह अमरूद की पत्तियों का इस्तेमाल चाय के तौर पर भी होता है. अमरूद की पत्तियों से बनी चाय को हर्बल चाय के रूप में जाना जाता है, जिसके औषधीय गुण आपको भी हैरान कर देंगे.

अमरूद की पत्तियों में फ्लेवोनोइड, एंटीऑक्सीडेंट और क्वेरसेटिक के साथ औषधीय गुण भी भारी मात्रा में पाए जाते हैं, जो अमरूद की पत्तियों से बनी चाय की लोकप्रियता बढ़ा रहे हैं. यकीन मानिए इससे होने वाले सेहत संबंधी लाभों के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. तो चलिए बताते हैं आपको अमरूद की पत्तियों से बनी चाय के कुछ जबरदस्त फायदों के बारे में-

Guava Leaf Tea Benefits: कोलेस्ट्रॉल कम करे

शरीर में कोलेस्ट्रॉल ज्यादा बनने पर कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. खासकर दिल के लिए कोलेस्ट्रॉल बढ़ना काफी खतरनाक है. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक और एथेरोक्स्लेरोसिस का खतरा बना रहता है. दरअसल, कोलेस्ट्रॉल शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बाधित करता है. एक स्टडी के मुताबिक, अमरूद के पत्तों की चाय काफी हद तक कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करती है. जिससे इन गंभीर बीमारियों को समय से पहले रोका जा सकता है.

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Guava Leaf Tea Benefits: डायबिटीज से दिलाए छुटकारा

अमरूद के पत्तों से बनी चाय पीने से डायबिटीज की समस्या से भी छुटकारा मिलता है. खासकर टाइप 2 डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे लोगों को अमरूद के पत्तों से बनी चाय जरूर पीनी चाहिए. खाली पेट अमरूद के पत्तों से बनी चाय पीने से शुगर लेवल कंट्रोल होता है और डायबिटीज की समस्या शरीर को परेशान नहीं करती। इसलिए अगर आप इस समस्या से परेशान हैं तो दूध से बनी नॉर्मल चाय पीने के बजाय अमरूद के पत्तों से बनी चाय ही पिएं।

Guava Leaf Tea Benefits: मुंहासों से दिलाए राहत

अमरूद के पत्तों में मौजूद औषधीय तत्व खून को साफ करने का काम करते हैं. चेहरे पर होने वाली मुंहासें और दाग-धब्बे का सबसे बड़ा कारण शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स होते हैं. अमरूद के पत्ते खून से इन्हीं टॉक्सिन्स को बाहर निकालते हैं, जिससे चेहरे पर होने वाले दाग-धब्बों और मुंहासों से छुटकारा मिलता है. दिन में एक बार अमरूद के पत्तों से बनी चाय पीने से आपको काफी हद तक मुंहासों की समस्या से राहत मिल सकती है. इसके अलावा, अमरूद की पत्तियों को पीसकर उसे मुंहासों पर लगाने से भी इस परेशानी से छुटकारा मिलता है.

Guava Leaf Tea Benefits: बाल झड़ने से रोके

अमरूद के पत्तों में एंटीऑक्सिडेंट, मुक्त कणों से लड़ सकते हैं जिससे बालों को नुकसान होने से रोका जा सकता है. अमरूद के पत्तों में लाइकोपीन भी होता है, जो आपके बालों को सूरज की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाता है. अमरूद के पत्तों का इस्तेमाल एक प्राचीन ब्यूटी ट्रीटमेंट के रूप में भी होता है, क्योंकि वे विटामिन बी कॉम्प्लेक्स से भरे होते हैं, जो बालों के झड़ने को रोक सकते हैं. यह आपके बालों से गंदगी और जमी हुई मैल को हटाकर ऑयलीनेस और डैंड्रफ को रोकने में मदद करता है.

Guava Leaf Tea Benefits: पेट के लिए फायदेमंद

अमरूद के पत्तों से बनी चाय गैस, कब्ज और पेट की ऐंठन जैसी अन्य बीमारियों में बेहद असरदार है. रोज एक कप अमरूद के पत्तों से बनी चाय आपको पेट की कई बीमारियों से छुटकारा दिला सकती है. इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण ना सिर्फ शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालते हैं, बल्कि पेट को ठंडक भी पहुंचाते हैं.

Guava Leaf Tea Benefits: ऐसे बनाएं अमरूद के पत्तों की चाय

अमरूद के पत्तों की चाय को बनाने के लिए सबसे पहले आपको अमरूद के पत्तों को अच्छी तरह से धो लें. इसके साथ इसमें एक तिहाई चम्मच नॉर्मल चाय पत्ती की, डेढ़ कप पानी और शहद का इस्तेमाल करना होगा.

विधि- सबसे पहले अमरूद के करीब 10 ताजे पत्तों को अच्छे से धो लें. सॉसपैन लें और उसमें डेढ़ कप पानी को सामान्य आंच पर 2 मिनट के लिए उबलने के लिए रख दें. अब इसमें धुले हुए अमरूद के पत्ते डाल दें और स्वाद और कलर के लिए नॉर्मल चाय की पत्ती डालें. अब इसे 10 मिनट के लिए पकाएं. अंत में मीठा करने के लिए इसमें शहद मिला दें. आपकी अमरूद के पत्तों की चाय तैयार है.

Benefits of Cardamom: हरी इलायची तो अक्सर खाते होंगे! जान लें इसके 5 बेहतरीन फायदे

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Benefits of Cardamom: हरी इलायची तो अक्सर खाते होंगे! जान लें इसके 5 बेहतरीन फायदे
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Benefits of Cardamom: हरी इलायची का इस्तेमाल चाय से लेकर खीर के साथ हर व्यंजन का स्वाद और खुशबू बढ़ाने के लिए किया जाता है. भले ही हरी इलायची मंहगी हो, लेकिन क्या आप जानते हैं कि छोटी सी इलायची औषधीय गुणों की खान है. इलायची का इस्तेमाल सालों से दवा के तौर पर भी किया जाता रहा है. यही वजह है कि खाने के बाद हमेशा सौंफ और मिश्री के साथ छोटी इलायची खाने को दी जाती है.

दरअसल, इसके पीछे की वजह वैज्ञानिक है. ये तीनों चीजें मिलकर आपके पाचन को बेहतर बनाती है. इलायची की बात की जाए तो यह आपकी पाचन शक्ति को बेहतर बनाती है. इसके साथ ही साथ छोटी इलायची खासकर पुरुषों के लिए बहुत फायदेमंद है. आज के इस आर्टिकल में हम इलायची के कुछ बेहतरीन फायदे जानेंगे

Benefits of Cardamom: खराश से दिलाए आराम

सर्दी के मौसम में खांसी-जुकाम की समस्या आम है. खांसी की वजह से गले में खराश हो जाना आम बात है. खराश की समस्या से आराम पाने के लिए सुबह उठने के बाद एक छोटी इलायची को अच्छे से चबा कर खा लें. इसके बाद थोड़ा सा गुनगुना पानी पी लें. खराश एक से 2 दिन में ठीक हो जाएगी.

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Benefits of Cardamom: खांसी में लाभदायक

खांसी कई बार दवाइयां लेने से भी ठीक नहीं होती. ऐसे में अगर खांसी से ज्यादा परेशान हो रही है तो एक पान के पत्ते में एक छोटी इलायची, थोड़ी सी लौंग, एक टुकड़ा अदरक और 4-6 तुलसी के पत्ते डालकर इसका पान कर खा लें. खांसी की समस्या से जल्द ही आपको राहत मिल जाएगी.

Benefits of Cardamom: मुंह के छालों से दिलाए राहत

मुंह में छालों की समस्या से जूझ रहे हैं तो इलायची काफी असरदार है. आमतौर पर छाले निकलने के बाद मसालेदार तो दूर सादा खाना भी आसानी से नहीं खाया जाता. ऐसे में एक बड़ी इलायची को पीस लें और उसे पिसी हुई मिश्री के साथ मिलाकर मुंह में रख लें. आपको छालों में तुरंत लाभ मिलेगा.

Benefits of Cardamom: एसिडिटी से दिलाए मुक्ति

बाहर का खाना या मसालेदार खाना खाने की वजह से अक्सर एसिडिटी की समस्या हो जाती है. इसके अलावा जिन लोगों का पाचन सही नहीं रहता, उनको भी एसिडिटी की दिक्कत आमतौर पर रहती है. ऐसे में खाना खाने के बाद रोज एक इलायची खाने की आदत डाल लें. इलायची में मौजूद तत्व एसिडिटी बनने से रोकते हैं.

Benefits of Cardamom: मुंह की बदबू और इन्फेक्शन

इलायची मुंह और पेट की हर समस्या में लाभकारी है. ब्रश करने के बावजूद अगर आपके मुंह से बदबू आती है तो इसके पीछे मुंह में बनने वाले बैक्टीरिया होते हैं. अगर मुंह से ज्यादा बदबू आती है तो हरी इलायची चबाएं. तुरंत आपके मुंह से दुर्गंध आना बंद हो जाएगी.

साथ ही अगर मुंह में किसी भी तरह का इन्फेक्शन हुआ है, तो छोटी इलायची चबा कर खाएं, जल्द ही इन्फेक्शन ठीक हो जाएगा. हिचकी में भी इलायची फायदेमंद है. अगर हिचकी बंद ना हो रही हो तो एक छोटी इलायची मुंह में रखकर धीरे-धीरे चबाते रहें. आपकी समस्या कुछ ही मिनटों में ठीक हो जाएगी.

Benefits of Cardamom: पुरुषों की शारीरिक कमजोरी में लाभदायक

पुरुषों की शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए छोटी इलायची काफी फायदेमंद है. इसके लिए रात में सोने से पहले 1 गिलास गर्म दूध के साथ इलायची उबाल लें. इस दूध के रोजाना सेवन से शारीरिक क्षमता बेहतर होती है.

Benefits of Cardamom: ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल

छोटी इलायची में भरपूर मात्रा में पोटैशियम, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. ये सभी मिलकर ब्लड प्रेशर को काबू करने में मदद करते हैं. छोटी इलायची खाने की आदत से आप खुद को और अपने परिवार के लोगों को दिल की बीमारियों से बचा सकते हैं.

Mustard Seeds Benefits: सरसों के दाने के ये हैं चमत्कारी फायदे! जानकर कहेंगे पहले क्यों नहीं बताया?

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Mustard Seeds Benefits: सरसों के दाने के ये हैं चमत्कारी फायदे! जानकर कहेंगे पहले क्यों नहीं बताया?
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Mustard Seeds Benefits: सरसों का पौधा एक ऐसा पौधा है, जिसका हर हिस्सा औषधीय गुणों से भरपूर होता है. फिर चाहे वह सरसों का तेल हो, पत्तों से बना साग हो या फिर सरसों के दानें… इस पौधे का हर हिस्सा औषधीय गुणों की खान है. सरसों के बीजों की बात करें तो आमतौर पर हम इन्हें राई या फिर काली और पीली सरसों के दानों के नाम से जानते हैं.

सरसों के दाने हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माने गए है. इसका प्रमाण खुद वैज्ञानिक भी दे चुके हैं. नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन की वेबसाइट पर जारी एक स्टडी में बताया गया है कि सरसों का हर हिस्सा सेहत के लिए फायदेमंद है. इसमें कैरोटीनॉयड, फेनोलिक कंपाउंड्स और ग्लूकोसिनोलेट्स जैसे कई प्रकार के फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं. सरसों कैंसर से लेकर डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए भी फायदेमंद पाया गया है.

Mustard Seeds Benefits: कैंसर में फायदेमंद

वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, सरसों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर को फैलने से रोकते हैं. इसमें एंटीकार्सिनोजेनिक होता है, जो कैंसर को पनपने से रोक सकता है. इसके अलावा, एक अन्य स्टडी में पाया गया है कि सरसों के तेल में मौजूद ओमेगा-3 पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड कोलन कैंसर के खतरे को रोकने में अपना प्रभावी असर दिखा सकते हैं.

Mustard Seeds Benefits: अस्थमा में लाभदायक

सरसों के दानों में मौजूद तत्व अस्थमा मरीजों के लिए भी फायदेमंद हैं. स्टडी के अनुसार, सरसों के बीजों में साइनपाइन नामक कार्बनिक यौगिक होता है, जो मांसपेशियों की सक्रियता और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है. ऐसे में अस्थमा की स्थिति के विपरीत क्रिया उत्पन्न कर अस्थमा को रोकने में मदद कर सकता है.

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Mustard Seeds Benefits: माइग्रेन में फायदेमंग

असहनीय सिर दर्द की समस्या यानि माइग्रेन से आज देश की एक बड़ी आबादी जूझ रही है. सरसों के दाने माइग्रेन मरीजों के लिए फायदेमंद माने गए है. दरअसल, सरसों के बीज में राइबोफ्लेविनन नामक विटामिन पाया जाता है, जो माइग्रेन के खतरे को कम कर सकता है.

Mustard Seeds Benefits: ब्लड प्रेशर रखे कंट्रोल

अनियमित रक्तचाप की समस्या आजकल आम होती जा रही है. 30 साल से ऊपर की उम्र के अधिकतर लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं. सरसों के बीजों में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने की क्षमता पाई गई है. एक शोध में पाया गया कि सरसों के बीज में पाया जाने वाले मेथनॉल अर्क एंटीहाइपरटेंशन प्रभाव से लैस होता है. इसलिए, एक लिमिटेड मात्रा में सरसों के बीज या फिर राई का सेवन करें तो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखा जा सकता है.

Mustard Seeds Benefits: वजन कम करने मददगार

सरसों के दानों से निकलने वाला तेल वजन घटाने में सहायक माना जाता है. एक रिसर्च के अनुसार, इस तेल के अंदर डायसेलिग्लिसरॉल भारी मात्रा में पाया जाता है, जो वजन घटाने में सहायक है. डॉक्टरों का कहना है कि सरसों के बीज या राई पाचन क्रिया में मदद करते हैं और मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते है, जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है.

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Mustard Seeds Benefits: शुगर रोगियों के लिए फायदेमंद

खून में ग्लूकोज का लेवन अनियंत्रित होने की वजह से शुगर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. सरसों के बीजों को कई वैज्ञानिक स्टडीज में शुगर रोगियों के लिए फायदेमंद माना गया है. स्टडी में पाया गया है कि काली सरसों के बीज में हाइपोग्लाइसेमिक और एंटीडायबिटिक गुण होते हैं, जो खून में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करते हैं. काली सरसों के बीज टाइप 2 डायबिटीज की समस्या में आराम पहुंचाने का काम करते हैं.