Home Blog

Neem Benefits: नीम की पत्ती के फायदे,दिन में इतनी पत्तियां खाएं

0
Neem Benefits

नीम पेड़ (Azadirachta indica) भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला एक प्रमुख पौधा है और इसके विभिन्न भागों का उपयोग नीम के फायदों (Neem Benefits) के लिए किया जाता है। यह पौधा प्राकृतिक औषधीय गुणों से भरपूर होता है और विभिन्न रोगों के उपचार में उपयोगी होता है।

नीम एकमात्र ऐसा पेड़ा है जिसके हर हिस्से का इस्तेमाल औषधि (Neem Benefits) बनाने के लिए किया जाता है। इसकी छाल, पत्ते और बीज के चमत्कारिक फायदे आयुर्वेद में बताए गए हैं। कई बार, जड़, फूल और फल का भी उपयोग किया जाता है। नीम के पत्तों का उपयोग कुष्ठ रोग के लिए किया जाता है। इसके इस्तेमाल से नेत्र विकार, नकसीर, आंतों के कीड़े, पेट की ख़राबी, भूख न लगना, त्वचा के अल्सर, हृदय और रक्त वाहिकाओं के रोगों (हृदय रोग), बुखार, मधुमेह, मसूड़ों की बीमारी (मसूड़े की सूजन) और जिगर के रोग ठीक हो जाते हैं।

नीम के पोषक तत्व

नीम पेड़ का बारहमासी पर्णपाती पेड़ है जिसके बीज और पत्तों में विभिन्न पोषक तत्व मौजूद होते हैं। नीम में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो उसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में औषधीय गुणों के कारण महत्वपूर्ण बनाते हैं।

नीम के पत्तों और बीजों में मुख्यतः निम्बिन, निम्बेडिन, और निम्बेतिन जैसे विभिन्न पोषक तत्व पाए जाते हैं। इन पोषक तत्वों के लिए नीम को एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीवायरल, और आंत्र-विषैले गुणों के रूप में पहचाना जाता है। इसके अलावा, नीम में कई अन्य पोषक तत्व भी होते हैं जैसे कि कैल्शियम, आयरन, विटामिन सी, विटामिन डी, क्वरसेटिन, कैंप्फेरॉल, निकोटिनिक एसिड, और अमिनो एसिड्स जैसे।

नीम के पोषक तत्वों के कारण इसे त्वचा संबंधी बीमारियों, बालों की समस्याओं, मुंहासों, कीटाणुरोधी गुणों, रक्तशोधक के रूप में और बीमारियों के इलाज में उपयोग किया जाता है। हालांकि, इसे किसी भी रूप में सेवन करने से पहले चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित होगा, क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर और स्वास्थ्य की आवश्यकताएं भिन्न हो सकती हैं।

नीम के फायदे (Neem Benefits)

त्वचा के लिए फायदेमंद:

नीम में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो स्किन इंफेक्शन को कम करने में मदद करते हैं। नीम के पेस्ट, तेल, या साबुन का उपयोग करके त्वचा संबंधी समस्याओं, जैसे कि एक्ने, दाद, खुजली और छालों के उपचार में मदद मिल सकती है।

पूर्ण शरीर के लिए प्रभावी कीटनाशक:

नीम के तेल में मौजूद एंटीफीडल और प्रीडेटरियल गुण इंटरनेट बग कवकों, कीटों, और मच्छरों को नष्ट करने में सक्षम होते हैं। इसे पौधे के बागवानों द्वारा कीटनाशक के रूप में उपयोग किया जाता है।

आंखों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक:

नीम के पत्तों के आंखों के लिए स्वास्थ्य के लिए विशेष लाभ होते हैं। इसे आंखों की रोशनी को बढ़ाने, आंखों की संक्रमण से बचाने और आंखों की सूजन को कम करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

मधुमेह के लिए मददगार:

नीम में उपस्थित कुछ तत्व मधुमेह के नियंत्रण में मदद कर सकते हैं। इसके लिए, नीम के पत्तों, बीजों या तेल का उपयोग किया जाता है।

पाचन तंत्र की सुरक्षा:

नीम का उपयोग पाचन तंत्र की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। यह पेट में होने वाली समस्याओं जैसे कि एसिडिटी, गैस, कब्ज़ और उलटी को कम करने में सहायक होता है।

बालों के स्वास्थ्य:

नीम का तेल बालों के लिए बहुत उपयोगी होता है। यह बालों की समस्याओं जैसे रूसी, खुजली, सिरदर्द और गंजापन को कम करने में मदद करता है। नीम का तेल सिर में मसाज करने से बालों की मजबूती और उनकी ग्रोथ बढ़ती है।

इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद:

नीम एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, और एंटीवायरल गुणों के कारण शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद कर सकता है। इसका नियमित सेवन संक्रमण से बचाव कर सकता है और सामान्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

एंटीऑक्सिडेंट गुण:

नीम में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर के विषाणुओं के खिलाफ संरक्षा प्रदान करते हैं और रोगों के खतरे को कम करने में मदद करते हैं। यह रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने, हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाने और कैंसर के खतरे को कम करने में भी मदद करता है।

यदि आप नीम के उपयोग से संबंधित किसी विशेष रोग या समस्या के बारे में और जानकारी चाहते हैं, तो कृपया वैद्यकीय सलाह के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

नीम के नुकसान (Side Effects of Neem)

 

नीम एक प्राकृतिक औषधि है जो कई चिकित्सीय गुणों के कारण प्रसिद्ध है। हालांकि, कुछ मामलों में नीम के उपयोग से नुकसान हो सकते हैं। यहां कुछ आम नुकसान हैं जो नीम के उपयोग के कारण हो सकते हैं:

त्वचा पर खुजली या एलर्जी:

कुछ लोगों को नीम के प्रति एलर्जी हो सकती है और इससे उन्हें त्वचा में खुजली, लालिमा, जलन या संक्रमण की समस्या हो सकती है।

पेट में संक्रमण या आंत्र संक्रमण:

अगर नीम का अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है, तो यह पेट में संक्रमण के लिए जिम्मेदार हो सकता है। यह पेट दर्द, उलटी, पेट की गैस, और पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है।

गर्भावस्था में उपयोग:

नीम का अधिक मात्रा में उपयोग करने पर गर्भावस्था में नुकसान हो सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को नीम का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

शरीर के साथ खाद्य के रूप में अधिक मात्रा में नीम का सेवन: अधिक मात्रा में नीम का सेवन करने से प्रतिक्रिया हो सकती है और इससे शरीर को अवसाद, थकान, दस्त, मतली और अपात्र संतुलन के लक्षण हो सकते हैं।

यदि आप नीम का उपयोग करने की सोच रहे हैं, तो आपको इसे अपने चिकित्सक द्वारा अनुशंसित मात्रा में और सही तरीके से उपयोग करना चाहिए। अगर आपको किसी प्रकार की अपने स्वास्थ्य से संबंधित समस्या हो रही है, तो आपको तत्परता से अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

कैसे करें नीम का सेवन (How to Use or Eat Neem)

नीम का सेवन करना आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक हो सकता है। नीम में विभिन्न पोषक तत्व, एंटीबैक्टीरियल गुण और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मदद कर सकते हैं। नीम को खाने के तरीके के बारे में नीचे बताए गए हैं:

नीम के पत्ते: आप नीम के पत्तों को स्वादानुसार खा सकते हैं। इन्हें स्वच्छ धोकर छान लें और उन्हें स्वादिष्टता के लिए सौंफ या नमक के साथ चबा सकते हैं। पत्तियों का सेवन विटामिन C, एंटीबैक्टीरियल गुण और पाचन तंत्र को सुधारने में मदद कर सकता है।

नीम का रस: आप नीम के पत्तों को पीसकर या मिक्सर में पीसकर रस निकाल सकते हैं। इस रस को एक चम्मच तुलसी के रस के साथ मिश्रण करके पी सकते हैं। इसे रोजाना सुबह-शाम लेने से त्वचा को चमकदार और स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।

नीम की चाय: नीम के पत्तों से चाय बना सकते हैं। पत्तियों को उबालकर चाय के रूप में पीने से आपको नीम के गुणों का लाभ मिल सकता है।

नीम के तेल का उपयोग: आप नीम के तेल का बाह्य उपयोग कर सकते हैं। इसे स्किनकेयर या हेयरकेयर के लिए उपयोग करने के लिए मसाज तेल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे सीधे या और बेसन या मुल्तानी मिट्टी के साथ मिश्रित करके चेहरे पर लगाया जा सकता है, जो त्वचा की चमक बढ़ाने और मुँहासों को कम करने में मदद कर सकता है।

कितनी मात्रा में करें नीम का सेवन (Quantity of Neem Use)

नीम का सेवन करने की मात्रा व्यक्ति के उपयोग के उद्देश्य और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करती है। नीम का उपयोग आमतौर पर कई रूपों में किया जाता है, जैसे नीम का तेल, नीम के पत्ते, नीम का पाउडर आदि। नीचे दी गई मात्राएं सामान्य दिशा-निर्देश हैं, लेकिन सर्वोत्तम मात्रा के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करना सर्वोत्तम होगा:

नीम के पत्ते: आप दिन में 2-3 नीम के पत्ते खा सकते हैं। आप इन्हें स्वादानुसार खा सकते हैं या उन्हें पीसकर नीम का पेस्ट बना सकते हैं और इसे अपनी भोजन में शामिल कर सकते हैं।

नीम का तेल: नीम के तेल को बालों और त्वचा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आप त्वचा पर नीम के तेल की कुछ बूंदें लगा सकते हैं और इसे मसाज करके अवशोषित कर सकते हैं। बालों के लिए, आप थोड़ा सा नीम के तेल अपने बालों में मसाज कर सकते हैं, या इसे अपने तालु में लगा सकते हैं।

नीम का पाउडर: आप रोजाना 1 चम्मच से लेकर 2 चम्मच तक नीम के पाउडर का सेवन कर सकते हैं। आप इसे पानी के साथ मिश्रित करके पी सकते हैं या इसे अपनी मसालेदार व्यंजनों में शामिल कर सकते हैं।

हालांकि, ध्यान दें कि हर व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताओं के आधार पर इन मात्राओं में अंतर हो सकता है। इसलिए, अपने चिकित्सक की सलाह लें और उनके निर्देशों का पालन करें।

Teeth Cleaning Tips:दांतो का पीलापन और दुर्गन्ध दूर करे ,किचन में मौजूद 5 चीजों से बनाए मोतियों जैसे चमकदार

0
Teeth Cleaning Tips: गुटखा-तंबाकू खाने से दांत हो गए हैं खराब, तो किचन में मौजूद 3 चीजों से बनाए मोतियों जैसे चमकदार
Image Source: Google

Teeth Cleaning Tips: हमारे शरीर में दांत एक ऐसा हिस्सा है, जो पूरी बॉडी के लिए बेहद अहम है. ऐसे में यदि दांत खराब हो जाएं तो खाने-पीने में दिक्कत के साथ पेट से जुड़ी बीमारियां भी होने लगती है. आजकल वैसे भी कई लोग अपने दांतों की सफाई पर ध्यान नहीं देते. खासकर गुटखा-तंबाकू खाने वाले लोगों के दांत इतने गंदे होते हैं कि वह व्यक्ति की पर्सनैलिटी पर बुरा प्रभाव डालते हैं.

दांत साफ करने के लिए लोग डेंटिस्ट के पास जाने से भी कतराते हैं. ऐसे में लोग बाजार में मौजूद उल्टे-सीधे केमिकल्स का इस्तेमाल करते हैं, जो दांतों को कुछ समय के लिए चमकदार तो बनाता है, लेकिन उनके दुष्प्रभाव बाद में देखने को मिलते हैं. ऐसे में आज हम आपको कुछ घरेलू नुस्खे बताएंगे, जिनकी मदद से आप अपने दांतों को मोतियों जैसे चमकदार बना सकते हैं.

Teeth Cleaning Tips: इस वजह से पीले पड़ जाते हैं आपके दांत

दरअसल, दांतों के पीले पड़ने का कारण हमारे रोजाना के खानपान से जुड़ा है. वैसे भी आजकल लोग फास्ट फूड और बाजार की चीजें ज्यादा खाते हैं, जिससे दांतों का इनेमल खराब हो जाता है. इसी वजह से दांत पीले दिखने लगते हैं. इन सबके अलावा दांतों में प्लाक की परत जमने से भी दांत पीले और सांसे बदबूदार हो जाती हैं.

यह भी पढ़ें: Karwa Chauth Make up Tips: करवा चौथ पर चाहिए परफेक्ट लुक तो इन टिप्स को करें फॉलो

Teeth Cleaning Tips: किचन में मौजूद ये चीजें चमकाएंगी दांत

Rinse With Water: पानी मुँह में भर कर कुल्ला करे

अदिकतर लोग खाना खाने के बाद कुल्ला नहीं करते जिसकी वजह से भोजन के कण दांतो के बीच में फस जाते है और इसी के कारन से दांतो में कैविटी व् दुर्गन्ध होती है, इशलिए भोजन के बाद पानी से कुल्ला जरूर करे

Teeth Cleaning Tips: सरसों का तेल,हल्दी और नमक

यदि आप अपने दांतों की परवाह करते हैं और उनकी सुंदरता बढ़ाना चाहते हैं तो सरसों के तेल,हल्दी और नमक से बेहतर कुछ नहीं. इसके लिए आपको बराबर मात्रा में सरसों का तेल और उतनी ही हल्दी और नमक मिलानी होगी. अब इस पेस्ट की मदद से रोज अपने दांतों की मसाज कीजिए. कुछ ही दिनों में आपके दांतों का पीलापन गायब हो जाएगा और मसूड़े भी स्वस्थ रहेंगे.

 

Use Rock Salt  : सेंधा नमक का करें इस्तेमाल

आप अपने दांतों को चमकाने के लिए थोड़ा सा सेंधा नमक लेकर पानी में मिलाएं.अब इस सेंधा नमक के पानी से कुल्ला करे. इससे ना सिर्फ आपके दांतों की सफाई होगी, बल्कि मुंह में पनपने वाले बैक्टीरिया भी दूर रहेंगे,

Mix Alum in water : फिटकरी को पानी में मिलाये

फिटकरी का टुकड़ा लेकर 5 -7 बार पानी में मिलाये, अब इस फिटकरी के टुकड़े को पानी से निकाल ले,अब इस पानी से कुल्ला करे इससे आपके दांतो का पीलापन दूर एवम साँसों की दुर्गन्ध दूर होगी

 

Teeth Cleaning Tips: ये भी हैं कुछ अन्य उपाय

केले के छिलके को आमतौर पर लोग खाने के बाद कूड़े के ढेर में फेंक देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी छिलके की मदद से आप अपने दातों को चमकदार बना सकते हैं. इसके लिए आपको केले के छिलके के अंदर वाले यानी सफेद हिस्से को दांतों पर दो-तीन मिनट तक रगड़ना होगा. इसके बाद ब्रश जरूर कर लें. हफ्ते में 2-3 बार केले के इस्तेमाल से आपके दांत मोतियों जैसे चमकदार हो जाएंगे.

नीम का दातुन सदियों से यूज़ करते है नीम का दातुन कम से कम सप्ताह में एक बार जरूर कर। नीम से पीलापन तो दूर होगा ही ,साथ के साथ ये मुँह में दुर्गन्ध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को ख़तम कर देता है

ऊपर दिए सुझावों से अगर आराम नहीं मिलता , चिकिस्त्सक से परामर्श ले।

नोट:- इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी Riturecipe.com की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

Ashwagandha Benefits: कई घातक बीमारियों से बचाता है अश्वगंधा, 1 बार इस्तेमाल से जानें इसके फायदे

0
Ashwagandha Benefits
Image Source: Google

Ashwagandha Benefits: हमारे धार्मिक ग्रंथ सालों पहले लिखे गए थे. इन्हीं में से एक है आयुर्वेद जिसके अंदर कई ऐसी जड़ी-बूटियों और इलाज के तरीकों का जिक्र है, हजारों साल पहले लिखे गए इन ग्रंथों में ऐसी ही एक जड़ी-बूटी का जिक्र है, जो कई बीमारियों के रामबाण इलाज के रूप में जानी जाती है.

दरअसल, आज हम बात कर रहे हैं, उस जड़ीबूटी की जिसे अश्वगंधा के नाम से हम जानते हैं. अश्वगंधा वैसे तो हमारे शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हैं, लेकिन इसका सही इस्तेमाल जानना बेहद जरूरी है. जरूरत से ज्यादा अश्वगंधा का इस्तेमाल हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक है. ऐसे में इसके इस्तेमाल का सही तरीका पता होना चाहिए. आज के इस आर्टिकल में हम आपको अश्वगंधा का कब, कैसे और कितनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए इसकी जानकारी देंगे.

Ashwagandha Benefits: संजीवनी से कम नहीं अश्वगंधा

रामायण में जिस तरह संजीवनी बूटी का जिक्र किया गया है, उसी तरह अश्वगंधा का जिक्र भी आयुर्वेद के अलावा कई ग्रंथों में है. अश्वगंधा को आप गुणों की खान कह सकते हैं. इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, लिवर टॉनिक के साथ कई तरह के पोषक तत्व होते हैं. अश्वगंधा सबसे ज्यादा हमारे शरीर को तरोताजा और बनाए रखने के साथ हमारे दिमागी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. इसके अलावा इसे घी या दूध के साथ मिलाकर नियमित सेवन करने से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है.

यह भी पढ़े: Triphala Benefits: जानिए त्रिफला के फायदे और नुकसान, घर में कैसे तैयार करें त्रिफला चूर्ण

Ashwagandha Benefits in Cancer: कैंसर में फायदेमंद

कई वैज्ञानिक रिसर्च में यह साबित हुआ है कि अश्वगंधा के अंदर कैंसर सेल्स को फैलने से रोकने की ताकत है. दरअसल, यह मरीज के शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीसीज का निर्माण करता है, जो नए कैंसर सेल्स को बनने से रोक देते हैं. अश्वगंधा साथ ही कैंसर सेल्स खत्म करने और कीमोथेरेपी के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स को कम करने में भी मदद करता है. ऐसे में अश्वगंधा को कैंसर मरीजों के लिए असरदार औषधी माना गया है.

Ashwagandha To Improve Immune System: इम्यून सिस्टम के लिए वरदान

अश्वगंधा में मौजूद ऑक्सीडेंट हमारे शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करता है. दरअसल, अश्वगंधा एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है. इसकी वजह से सर्दी-जुकाम जैसी छोटी-मोटी बीमारियां दूर रहती हैं. साथ ही यह खून में मौजूद व्हाइट ब्लड सेल्स और रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाने में मदद करता है. अश्वगंधा के सेवन से आपका शरीर कई गंभीर बीमारियों से बचा रहता है.

Ashwagandha Benefits In Stress: मानसिक तनाव में लाभदायक

आयुर्वेद में अश्वगंधा को दिमाग से जुड़ी समस्याओं में बेहद लाभदायक माना गया है. एक स्टडी के अनुसार, तनाव को 70 प्रतिशत तक सिर्फ अश्वगंधा के इस्तेमाल से कम किया जा सकता है. अश्वगंधा में कई ऐसे तत्व हैं, जो आपके शरीर और मानसिक संतुलन को ठीक करने में असरदार है. इसके सेवन से अनिद्रा जैसी समस्या भी दूर रहती है. नींद भी अच्छी आती है. अश्वगंधा कई समस्याओं से छुटकारा दिलाने का काम कर सकता है.

How To Consume Ashwagandha : कैसे करें अश्वगंधा का इस्तेमाल

अश्वगंधा का इस्तेमाल करना आसान है. पानी, शहद या घी में मिलाकर अश्वगंधा का सेवन किया जा सकता है. बाजार में मिलने वाले अश्वगंधा चूर्ण के अलावा कैप्सूल, अश्वगंधा चाय और अश्वगंधा का रस भी आसानी से मिल जाता है. आप चाहें इन्हें मार्केट या फिर ऑनलाइन भी आसानी से मंगवा सकते हैं.

अश्वगंधा का सेवन रात में सोने से पहले दूध के साथ करना चाहिए. वैसे इसे खाना खाने के बाद भी लिया जा सकता है. लेकिन अश्वगंधा का सेवन करने से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें. ताकि आपको कितनी मात्रा में अश्वगंधा का सेवन करना है, इसका सही से पता चल सके.

नोट:- इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी Riturecipe.com की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

Fake Atta Test: मार्केट में मिल रहा मिलावटी आटा! खरीदते समय फॉलो करें 5 टिप्स, मिनटों में होगी असली-नकली की पहचान

0
Fake Atta Test: मार्केट में मिल रहा है मिलावटी आटा, खरीदते समय फॉलो करें 5 टिप्स, मिनटों में होगी असली-नकली की पहचान
Image Source: Google

Fake Atta Test: मार्केट में मौजूद बहुत सी ऐसी चीजें हैं, जिनमें बड़े पैमाने पर मिलावट कर उन्हें धड़ल्ले से बेचा जा रहा है. आज के समय में खाने-पीने की ज्यादातर चीजों में मिलावट की जा रही है. यहां तक की रोटी बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला आटा भी इससे अछूता नहीं रहा. आप भले ही बाजार से सील पैक्ड आटा खरीदें लेकिन  आज के समय में उसकी भी शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है.

नकली और असली आटे की पहचान करना भी बहुत ज्यादा मुश्किल है. नकली आटा खाने की वजह से कई तरह की बीमारियां जन्म ले सकती है. ऐसे में नकली आटे की पहचान करना बेहद जरूरी है. तो आज हम आपको बताते हैं कैसे असली और नकली आटे में पहचान कर सकते हैं.

1.Fake Atta Test: पानी में मिलाकर करें चेक

नकली आटे की पहचान के लिए सबसे पहले एक गिलास में पानी लें. अब इस पानी में आधा चम्मच आटा डालें. फिर 10 से 20 सेकंड तक इंतजार करें. अगर यह आटा पानी में तैर रहा है तो समझ जाइए कि यह नकली है. लेकिन अगर आटा पानी पीकर तली पर बैठ जाए तो वह असली है.

यह भी पढ़ें: Fake Mustard Oil Test: जिस सरसों तेल का आप यूज कर रहे हैं वह असली है या नहीं? ऐसे करें पता

2.Fake Atta Test: रोटी बनाते समय करें पहचान

रोटी बनाते समय भी आप आटे की पहचान कर सकते हैं. आटा को गूंथते समय अगर आटा बहुत नर्म हो गया है, तो समझ जाइए कि आटा असली है. जबकि नकली आटा मुलायम नहीं होता. उसे गूंथते में भी काफी मेहनत करनी पड़ती है.

3.Fake Atta Test: पानी के इस्तेमाल पर रखें नजर

आटा गूंथते समय ध्यान दें कि आटा गूंथने में कितने पानी का इस्तेमाल हो रहा है. दरअसल, नकली आटे को गूंथने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है.नकली आटे की रोटियां नर्म नहीं होती है जबकि असली आटा जल्द गूंथ जाता है और मुलायम भी रहता है. इसके साथ असली आटे की रोटियां काफी नर्म होती है. कई घंटे बाद भी यह ताजा और मुलायम रहती है.

3.Fake Atta Test: केमिकल तरीका

आटे में मिलावट का पता करने के लिए हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मदद ली जा सकती है. हाइड्रोक्लोरिक एसिड बाजार में आसानी से मिल जाता है. इसके लिए एक टेस्ट ट्यूब में आधा चम्मच आटा डालकर उसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालें. फिर इसे गौर से देखें, अगर आपको इसमें कुछ छानने वाली चीज नजर आ रही है तो यह मिलावटी आटा है. समझ जाएं कि आटे में चाक की मिलावट की गई है.

4.Fake Atta Test: नींबू से करें पहचान

आटे की मिलावट का पता नींबू की मदद से लगा सकते हैं. इसके लिए आधा चम्मच आटा लीजिए और इसमें नींबू की रस डालिए. अगर आटे से बुलबुले निकलने लगते हैं तो समझ जाइए कि आटा नकली है और इसमें खड़िया मिट्टी मिलाई गई है.

गेहूं के आटे में कई तरह की मिलावट की जाती है. आटे में कई बार चाक पाउडर मिला दिया जाता है. कई बार इसमें बोरिक पाउडर या मैदा मिलाकर भी बेचा जाता है. वहीं आटे में खड़िया मिट्टी की मिलावट की जाती है.

Bitter Gourd Juice: कई बीमारियों का रामबाण इलाज है करेले का जूस, ये 4 फायदे जानकर पीना शुरू कर देंगे

0
Bitter Gourd Juice: कई बीमारियों का रामबाण इलाज है करेले का जूस, ये 4 फायदे जानकर पीना शुरू कर देंगे
Image Source: Google

Bitter Gourd Juice: करेला,आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है… शायद ये आप नहीं जानते. करेले का सेवन आपके शरीर और स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है. यदि आप मोटापे या फिर शुगर के मरीज हैं तो करेला आपके लिए वरदान है. करेले का जूस निकालकर यदि आप उसका सेवन करते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है.

करेले का जूस ना केवल आपके शरीर में मौजूद हानिकारक तत्वों को अच्छे से डिटॉक्स(Detox) कर बाहर निकालता है, बल्कि यह आपके वजन को भी कंट्रोल करता है. भले ही करेले का जूस पीने में कड़वा है, लेकिन यह आपके इम्यून सिस्टम (Immune system) को और मजबूत बनाता है. इसकी वजह से आसानी से छोटी मोटी बीमारियां आपसे कोसों दूर रहेंगी. आज हम आपको बताएंगे करेले के जूस के कुछ फायदे.

Bitter Gourd Juice Benefit in Diabetes: मधुमेह के लिए वरदान

करेले का जूस हमेशा से ही मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद साबित होता है. डॉक्टर भी इसे मानते हैं. दरअसल, करेले में नेचुरल इंसुलिन होता है, जिसे पॉलीपेप्टाइड कहा जाता है. करेले का जूस निकालकर पीने से रोगी का ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है.

यह भी पढ़ें: Spinach Tomato Juice Benefits: पालक और टमाटर का जूस सेहत के लिए है फायदेमंद

Bitter Gourd Juice Improve Immunity: लिवर और इम्यूनिटी के लिए अच्छा

करेले के जूस में मोमोर्डिका चाररेंटिया नाम का एक तत्व होता है, जो एक तरह से एंटी आक्सीडेंट का काम करता है. करेले का जूस पीने से आपकी आंते और लिवर साफ होता है, जिससे आपका लिवर मजबूत और पाचन शक्ति अच्छी हो जाती है.

इसके साथ ही करेले में विटामिन-सी भरपूर मात्रा होती है. यह शरीर को कई तरह के वायरल इंफेक्शन से बचाता है. करेले के जूस का रेगुलर सेवन करने से इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग बनाता है और छोटी मोटी बीमारी पास नहीं फटकती.

Bitter Gourd Juice Benefit to Control Obesity: मोटापा कम करने में सहायक

करेले का जूस मोटापा कम करने में बहुत मदद करता है. चूंकि करेले में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए इसे पीने से कैलोरी कंट्रोल में रहती है और वजन नहीं बढ़ता है. करेले का जूस पीने से बॉडी डिटॉक्स होती है. इससे वेट कंट्रोल में रहता है.

Bitter Gourd Juice to Improve Skin Glow: स्किन में बढ़ाता है ग्लो

करेले का जूस आपके पूरे शरीर के लिए किसी अमृत से कम नहीं है. करेले के जूस का सेवन करने से आपकी त्वचा में निखार आता है. दरअसल, करेले में मौजूद तत्व आपके खून को भी साफ करते हैं. फुल बॉडी डीटॉक्स होने की वजह से आपकी त्वचा पहले से भी ज्यादा निखर जाती है.

Lemon Grass Benefits: सेहत के लिहाज से गुणों की खान है लेमन ग्रास, सेवन होंगे ये 5 फायदे

0
Lemon Grass Benefits: सेहत के लिहाज से गुणों की खान है लेमनग्रास, आज से ही शुरु करें सेवन
Image Source: Google

Lemon Grass Benefits: दक्षिण पूर्वी एशिया में लेमन ग्रास का पौधा अपने औषधीय गुणों की वजह से खूब प्रसिद्ध है. वैसे तो इस पौधे का इस्तेमाल ज्यादातर चाय में किया जाता है, लेकिन अपने औषधीय गुणों के कारण इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने में दवा के रूप में भी होने लगा है. घास की तरह दिखने वाले इस पौधे की पत्तियों में नींबू जैसी महक होती है.

लेमन ग्रास में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी व एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो कई तरह की बीमारियों और संक्रमण से बचने में मदद करते है। लेमन ग्रास को एक दवा की तरह इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही इसका तेल बनाया जाता है. लेमन ग्रास में लगभग 75 प्रतिशत सिट्रल पाया जाता है, जिसकी वजह से इसकी खुशबू भी नींबू (Lemon) जैसी होती है।

Lemon Grass Benefits: लेमन ग्रास के फायदे

Help in Reducing Tension: तनाव से दिलाए मुक्ति

लेमन ग्रास में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है. मैग्नीशियम की कमी के कारण अनिद्रा और थकान की बीमारी हो सकती है. ऐसे में लेमान ग्रास से बनी चाय पीने से तनाव से मुक्ति मिलती है. साथ ही चाय में डाल कर इसे पीने से दिन भर ताज़गी भी बनी रहती है.

Lemon Grass Benefits for Improving Immunity: इम्युनिटी करे बूस्ट

लेमन ग्रास से बनी चाय का उपयोग करके हम अपनी एनर्जी को बढ़ा सकते है. इससे आपका इम्युनिटी लेवल भी बढ़ेगा. छोटी मोटी बीमारियां जैसी सर्दी खांसी जुकाम अगर आपको अक्सर घेर लेता है तो, लेमन ग्रास की कुछ पत्तियां चाय में डाल कर पीने से आपको फायदा होगा.

यह भी पढ़ें: Benefits of Cardamom: हरी इलायची तो अक्सर खाते होंगे! जान लें इसके 5 बेहतरीन फायदे

Lemon Grass Benefits in Cancer: कैंसर में फायदेमंद

कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिससे आज दुनिया की बड़ी आबादी जूझ रही है. कैंसर सेल्स शरीर में तेजी से फैलने लगते हैं, इसलिए यह बेहद घातक माने जाते हैं. लेमन ग्रास के सेवन से आप कैंसर के खतरे से बचे रह सकते हैं. खासकर ब्रेस्ट कैंसर और स्किन कैंसर से बचाव में इसे कारगर माना गया है. स्टडीज में पाया गया है कि इसके सेवन से ब्रेस्ट कैंसर और स्किन कैंसर की सम्भावनाये काफी हद तक कम की जा सकती है.

Lemon Grass Benefits in Body Detox: बॉडी डिटॉक्‍स करे

लेमनग्रास में भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होता है, जो हमारे शरीर के लिए लाभदायक है. यह शरीर के पानी को निकलता है और यह बॉडी को डिटॉक्स करने वाला बहुत ही अच्छा हर्ब है. इसको आप अपने घर के गमले में भी ऊगा सकते है.

यह भी पढ़ें: Benefits of Maca Root: माका की जड़ से शरीर को मिलेंगे ये जबरदस्त फायदे, डाइट में करें शामिल

Lemon Grass Benefits: दिमाग तेज करने में सहायक

लेमन ग्रास का नियमित इस्तेमाल आपके दिमागी स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छा है. लेमान ग्रास में मौजूद मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और फोलेट नर्वस सिस्टम को हेल्दी तरीके से काम कराने वाला महत्वपूर्ण पोषक तत्व है. जो मनुष्य के मस्तिष्क की एकाग्रता, स्मृति और ब्रेन की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करता है.

नोट:- इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी Riturecipe.com की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

Spinach Tomato Juice Benefits: पालक और टमाटर का जूस सेहत के लिए है फायदेमंद

0
Spinach Tomato Juice Benefits: पालक और टमाटर का जूस सेहत के लिए है फायदेमंद
Image Source: Google

Spinach Tomato Juice Benefits: पालक और टमाटर को सब्जी में सभी ने खाया होगा. लेकिन क्या कभी टमाटर और पालक का जूस पिया है. जी हां, पालक और टमाटर का मिक्स जूस सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. एक तरफ पालक आयरन का भरपूर स्त्रोत होता है, तो वहीं टमाटर कई एंटी-ऑक्सीडेंट्स का पावरहाउस है. इन दोनों का जूस विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है.

ऐसे में आप भी घर में ही बहुत आसानी से टमाटर और पालक का मिक्स जूस बनाकर पी सकते है. आज के इस आर्टिकल में जानिए पालक टमाटर जूस को बनाने की विधि और पीने से शरीर को मिलने वाले फायदों के बारे में.

Spinach Tomato Juice-Improve Immunity: बढ़ती है इम्यूनिटी

टमाटर और पालक के पोषक तत्वों से भरपूर इस जूस को पीने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इस जूस में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जिनकी मदद से अपनी इम्यूनिट मजबूत बनाकर शरीर को रोगों से मुक्ति दिला सकते हैं.

Spinach Tomato Juice-Control Blood Pressure: ब्लड प्रेशर होगा कम

पालक में अत्याधिक मात्रा में नाइट्रेट्स पाए जाते हैं, जो एक ऐसा कंपाउड है, जो रक्त वाहिनियों में घुल जाता है. इस कारण ब्लड प्रेशर कम करके यह ब्लड फ्लो को बेहतर करने में असर दिखा सकता है. इसीलिए पालक-टमाटर के इस जूस का सेवन हाई बीपी में किया जा सकता है.

यह भी पढ़े : Saffron Home Test: केसर असली है या नकली कैसे करेंगे पहचान, यहां जानिए ट्रिक

Spinach Tomato Juice Benefits- Remove Toxin from Body: टॉक्सिन होते हैं दूर

शरीर में जमा जहरीले टॉक्सिन्स को दूर करने में भी पालक और टमाटर का जूस असरदार है. यह आपकी बॉडी को डिटॉक्स करते हुए शरीर की अंदरूनी सफाई करता है, जिससे सेहत तो दुरुस्त होती ही है साथ ही त्वचा पर भी अच्छा असर देखने को मिलता है. इसे पीने से चेहरे पर ग्लो बढ़ता है.

Spinach Tomato Juice Benefits:-Reduce Weight: वजन कम करने में सहायक

शरीर के फैट को पिघलाने में सब्जियां बेहद प्रभावी देखी गई है. इस जूस को वेट लॉस के लिए हर तीसरे-चौथे दिन पीना अच्छा रहता है. दरअसल, टमाटर और पालक में फाइबर भी अच्छी मात्रा में होती है जो पेट को लंबे समय तक भरा होने का एहसास देने में मददगार है. इस वजह से भूख कम लगती है और खाना भी अच्छे से पचता है.

Spinach Tomato Juice Method: पालक और टमाटर का जूस बनाने का तरीका

पालक टमाटर जूस के फायदे जानने के बाद अब इसे बनाने की विधि के बारे में जानते हैं. इस मिक्स जूस को बनाना काफी आसान है, आप आसानी से इसे घर पर ही बना सकते हैं. इसे बनाने में आपको चाय बनाने से भी कम समय लगेगा. आइये इसकी विधि जानते हैं.

Ingredient सामग्री

  • एक कप पालक की ताजी हरी पत्तियां
  • 2 लाल पके हुई टमाटर

विधि : सबसे पहले पालक और टमाटर को साफ पानी से अच्छी तरह धो लें. अब इसके बाद टमाटर को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें. इन सबको मिक्सर ग्राइंडर में अच्छी तरह पीस लें. अब छलनी से इसे छानकर जूस निकाल लें. आपका जूस बनकर तैयार है. आप काला नमक और थोड़ा सा काली मिर्च का पाउडर डालकर इसे पी सकते हैं. आप चाहे तो इस जूस में गाजर और आंवला भी मिक्स कर सकते हैं. गाजर के इस्तेमाल से इस जूस में थोड़ी मिठास आ जाती है और इसके गुण भी बढ़ जाते हैं.

नोट:- इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी Riturecipe.com की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

Tulsi Benefits: सिर्फ धर्म ही नहीं… सेहत से भी है तुलसी का संबंध

0
Tulsi Benefits: सिर्फ धर्म ही नहीं... सेहत से भी है तुलसी का संबंध
Image Source: Google

Tulsi Benefits: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की विशेष मान्यता है. तुलसी के पौधे को जड़ी-बूटियों की दुनिया में सबसे पवित्र माना गया है. यही वजह है कि इसे जड़ी-बूटियों की रानी भी कहा जाता है. तुलसी का पौधा जड़ से लेकर पत्ते तक औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसके पत्ते, बीज, तना और जड़ आयुर्वेदिक दवा के रूप में सालों से इस्तेमाल की जा रही है.

वैसे तो तुलसी कई प्रकार की होती है, लेकिन हमारे शास्त्रों में इसके कुछ प्रकारों का वर्णन किया गया है. इनमें कृष्ण तुलसी, राम तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, भू तुलसी, श्वेत तुलसी, नील तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी व नींबू तुलसी मुख्य हैं. हमारे घरों में तुलसी का जो पौधा लगाया जाता है वह दो प्रकार का होता है. इसमें पहला पौधा तो वह है जिसकी पत्तियां गहरी हरी होती हैं, जबकि दूसरे की पत्तियां सामान्य हरी होती हैं. इसके अलावा कुछ लोग काली तुलसी जिसे श्याम तुलसी या कृष्ण तुलसी भी कहते हैं उसे भी घर पर लगाते हैं.

तुलसी के पोधे में अगर कीड़ा लग जाए तो एक चुटकी हल्दी डाल देने से तुलसी का पोधा फिर से हरा – भरा हो जायेगा
तुलसी के पोधे में हल्दी डालने से सुख समृद्धि भी आती है

तुलसी के पौधे का हर हिस्सा इस्तेमाल किया जाता है. तुलसी के बीजों को मिठाइयों और पेय पदार्थों में इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही इनका इस्तेमाल सालों से घरेलू उपचार के रूप में भी किया जाता है. बता दें कि तुलसी के बीजों में फाइबर, प्रोटीन और आयरन प्रचुर मात्रा में होता है. आमतौर पर तुलसी के बीज पेट संबंधी समस्या, वजन घटाने, खांसी और ठंड सहित कई आयुर्वेदिक दवाओं में इस्तेमाल होता है.

यह भी पढ़े:- ना करें अपने बच्चों की सेहत से खिलवाड़, घर पर ऐसे करें असली-नकली शहद की पहचान

Tulsi Benefits: दिल की बीमारियों में लाभदायक

तुलसी के बीज हमारे कोलेस्‍ट्रॉल लेवल को संतुलित बनाए रखते हैं. इसे हाइपरटेंशन के लिए आयुर्वेदिक दवा के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है. हाई कोलेस्‍ट्रॉल और हाई ब्‍लड प्रेशर हमेशा से दिल के लिए खतरनाक रहे हैं. ऐसे में इन दोनों समस्‍याओं के लिए तुलसी के बीज को बहुत प्रभावी माना गया है. तुलसी के बीज में साथ ही एंटी इंफ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं जो शरीर की सूजन कम करने में मदद करते हैं.

Improve Immunity: इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार

तुलसी के बीजों में फ्लैवोनोइड्स और फेनोलिक पाया जाता है, जो हमारे शरीर की इम्यूनिटी को सुधारता है. इन बीजों के इस्तेमाल से इम्यूनिटी बेहतर होती है. चूंकि तुलसी के बीज एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरे होते हैं, इसिलए फ्री रेडिकल्‍स के डैमेज की वजह से उम्र से पहले बुढ़ापे आने से भी रोकने में कारगर है.

Tulsi Benefits: पेट की बीमारियों में रामबाण

तुलसी के बीजों को पेट की समस्या के लिए रामबाण इलाज माना जाता है. दरअसल, तुलसी के बीजों को जब आप पानी में भिगोकर रखते हैं, तो यह फूल जाते हैं और इसके ऊपर एक जिलेटिन की परत बन जाती है. इस पानी को पीने से इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद फाइबर आंतों की अच्‍छी तरह से सफाई करता है. यह कब्‍ज, एसिडिटी और अपच की समस्‍या को दूर करता है.

Tulsi Benefits for Weight reduction/Loss: वजन घटाने में सहायक

तुलसी के बीजों में कैलोरी बहुत ही कम मात्रा में पाई जाती है. इसके सेवन से आपकी भूख कम होती है. जो लोग अपना वजन घटना चाहते हैं, उन्हें तुलसी के बीजों का सेवन करना चाहिए. तुलसी के बीज में हाई फाइबर आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगने देते.

Tulsi Benefits in Cough & Cold: सर्दी जुकाम में फायदेमंद

सर्दी-जुकाम, खांसी जैसी मौसमी बीमारियां आम है. आयुर्वेद में भी तुलसी के पत्तों का प्रयोग काढ़े के रूप में इन बीमारियों के लिए किया जाता रहा है. इसके पीछे वजह यह है कि तुलसी में एंटीस्पाज्मोडिक प्रभाव होता है, जो सामान्य ठंड और खांसी जैसी स्थिति में सुधार लाने में मदद करता है. आप बुखार को कम करने के लिए भी इसका उपयोग कर सकते हैं.

Benefits in depression: तनाव दूर करे

तुलसी के बीजों का दिमागी स्वास्थ्य पर काफी अच्‍छा प्रभाव पड़ता हैं. इसकी वजह से तनाव और चिंता जैसी समस्‍याओं से आप छुटकारा पा सकते हैं. तुलसी के बीजों के सेवन को मानसिक समस्‍याओं से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेदिक दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.

तुलसी की पत्तियां कैसे खानी चाहिए?

कई लोग तुलसी को खाली पेट खाते हैं, तो कई लोग दिनभर में कभी भी इसे खा लेते हैं। तुलसी शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है। तुलसी सर्दी, खांसी, जुकाम, कफ, गले में दर्द, शरीर में दर्द, और बुखार आदि में खाई जाती है। कई लोग तुलसी को काढ़ा बनाकर और चाय के रुप में भी इसका सेवन करते हैं। तुलसी को लेते समय ध्यान रखें कि इसे कभी चबाकर नहीं खाना चाहिए। तुलसी को चबाकर खाने से शरीर को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। तुलसी के पत्तों को चबाकर खाने के बजाय निगलकर खाने की सलाह दी जाती है।

 तुलसी को चबाकर खाने का असर

तुलसी को चबाकर खाने से दांत खराब हो सकते हैं। तुलसी के पत्तों में पारा ( Mercury) पाया जाता है, जो दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है। तुलसी को नियमित चबाने से मरकरी मुंह में आता है, जिससे दांतों के इनेमल (बाहरी पर्त) खराब हो सकता है।इसके अलावा तुलसी की पत्तियां प्राकृतिक रुप से थोड़ी एसिडिक भी होती हैं, जिस कारण इसे रोज खाने से दांत खराब हो सकते हैं।

Tulsi Benefits: तुलसी का सेवन कैसे करें

तुलसी की पत्तियों को निगलकर खाया जा सकता है। इसके अलावा तुलसी को काढ़ा या चाय के रूप में भी लिया जा सकता है। बच्चों या घर के बुजुर्गों को मौसमी बीमारियों से बचाने के लिए तुलसी का काढ़ा दिया जा सकता है। ये सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। तुलसी की चाय डायबिटीज रोगी भी आसानी से पी सकते हैं।

Tulsi Benefits: हर रोज़ कितनी मात्रा में कर सकते हैं तुलसी का सेवन

एक्सपर्ट की मानें तो रोजाना तुलसी की कम से कम 2 पत्तियों को चबाने से आपको पाचन की समस्या से राहत मिल सकती है। इसके साथ ही यह आपी पाचन शक्ति बढ़ाने में भी मददगार है। तुलसी में अधिक मात्रा में मर्करी और आयरन मौजूद होते हैं। इसलिये यह हमेशा याद रखें कि इसमें मौजूद आयरन और मर्करी आपके दांतों के एनामेल को कम कर सकते है। बचाव के लिए हर बार पत्तों को चबाने के बाद अच्छी तरह कुल्ला करना न भूलें।

नोट:- इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी Riturecipe.com की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

Health Benefits of Yoga: तनाव से लेकर मोटापा भी कंट्रोल करता है योग, जानें योग से होने वाले 5 फायदे

0
Health Benefits of Yoga: तनाव से लेकर मोटापा भी कंट्रोल करता है योग, जानें योग से होने वाले 5 चमत्कारी फायदे
Image Source: Google

Health Benefits of Yoga: पुराने जमाने में मोटापा, तनाव और शुगर जैसी बीमारियों का नामो-निशान नहीं था. लेकिन बदलते लाइफस्टाइल के कारण ये बीमारियां आम होने लगी हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि पुराने समय में लोग इन बीमारियों से क्यों बचे रहते थे. इसका सीधा सा जवाब है कि वह लोग शारीरिक परिश्रम के साथ योग और कसरत को भी महत्व देते थे.

योग और ध्यान ना केवल मन को शांत करता है, बल्कि आपकी सेहत को भी ठीक रखने में मदद रखता है. योग की मदद से आप अपनी पूरी जिंदगी स्वस्थ्य रहकर जी सकते हैं. हालांकि, कुछ लोग मानते हैं कि शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए योग बेहद धीमा माध्यम हैं, लेकिन यह धारणा गलत है. आज हम आपको योग से होने वाले ऐसे ही 5 फायदे बताएंगे.

Health Benefits of Yoga: शांत रहता है मन

रोजना योग करने से आपकी मांसपेशियों की अच्छी एक्सरसाइज होती है. जिससे अपके बॉडी पॉर्टस भी रिलेक्स हो जाते हैं. मेडिकल सांइस भी ये मान चुकी है कि योग ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी आपको फायदा पहुंचाता है. योग करने से भूख अच्छी लगती है, नींद भी अच्छी आती है और तनाव दूर रहता है.

यह भी पढ़ें: Lemon Grass Benefits: सेहत के लिहाज से गुणों की खान है लेमन ग्रास, सेवन होंगे ये 5 फायदे

Health Benefits of Yoga: तन के साथ मन का व्‍यायाम

जिम में हजारों रुपए देकर पसीना बहाने से भले ही आपके शरीर को मजबूती मिलती है, लेकिन मन का क्या. योग एक ऐसी प्राचीन विद्या है, जो आपके तन को स्वस्थ्य रखने के साथ आपके मन और दिमाग को भी तंदुरुस्त रखता है. आजकल जिम में भी आप योग के लिए अलग सेशन्स देख सकते हैं. यह योग के स्वास्थ्य लाभों का चमत्कार ही है कि पश्चिमी सभ्यता भी योग की तरफ खिंची चली आ रही है.

Stay Healthy : रहेंगे निरोगी

योग की मदद से आपकी फिटनेस अच्छी होती है और दूसरी बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है. योग आपकी इम्यूनिटी को भी बूस्ट करता है. यहां तक कि कई ऐसी बीमारियों में भी योग मदद करता है, जिसे डॉक्टर ठीक करने में सालों का समय लगा देते हैं.

To Control Over Weight: रहेंगे फिट और नहीं होंगे ओवरवेट

नियमित योग करने से अपके शरीर की मासंपेशिया एकदम पुष्ट रहती है. इससे शरीर तंदुरूस्त होता है. इसके साथ शरीर से चर्बी कम करने में भी योग मदद करता है. फैट कम होने से आपका वेट कंट्रोल में रहेगा.

Control Blood Sugar ब्लड शुगर (Diabetes) में फायदेमंद

रोजना योग करना मधुमेह की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए बहुत अच्छा है. दरअसल, योग अभ्यास करने से आपके शरीर में बैड कोलोस्ट्रोल भी कम होता है. इसके साथ ही आपका ब्लड शुगर भी कंट्रोल में आने लगता है. कुछ ही महीनों के लगातार योगाभ्यास से आप अपने ब्लड शुगर में परिवर्तन देख सकेंगे.

Raw Turmeric Benefits: पुरुषों और महिलाओं में हल्दी के सेवन के 5 महत्वपूर्ण फायदे

0
Raw Turmeric Benefits: पुरुषों और महिलाओं में हल्दी के सेवन के 5 महत्वपूर्ण फायदे
Image Source: Google

Raw Turmeric Benefits: हमारे किचन की मसाले दानी में कुछ हो ना हो… नमक और हल्दी जरूर होता है. हर दिन बनने वाले खाने में हल्दी का इस्तेमाल जरूर किया जाता है. दाल हो, सब्जी हो या कोई और व्यंजन, खाने की रंगत बढ़ाने के साथ यह उसे सुगंधित भी करता है. वैसे क्या आपको पता है कि हल्दी औषधीय गुणों की खान है. चोट लगने पर अक्सर मां हमें हल्दी वाला दूध पिलाती है. इसके पीछे वजह हल्दी में छुपे औषधीय तत्व होते हैं.

दरअसल हल्दी में मौजूद कैल्शियम, आयरन, सोडियम, ऊर्जा, प्रोटीन, विटामिन ई, विटामिन सी, और फाइबर जैसे तत्व शरीर के लिए बेहद लाभकारी होते हैं. आज हम आपको पिसी हुई हल्दी नहीं, बल्कि कच्ची हल्दी के फायदे बताने जा रहे हैं. कच्ची हल्दी को गुणों का भंडार कहा जाता है.

कच्ची हल्दी में भरपूर मात्रा में औषधीय गुण होते हैं. इसे डाइट में शामिल कर इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद मिलती. तो चलिए बिना देर किए जानते हैं कच्ची हल्दी से मिलने वाले फायदे.

यह भी पढ़ें: Benefits of Maca Root: माका की जड़ से शरीर को मिलेंगे ये जबरदस्त फायदे, डाइट में करें शामिल

Benefits in Diabetes: डायबिटीज में फायदे

कच्ची हल्दी का सेवन डायबिटीज को कंट्रोल रखने में मदद करता है. दरअसल, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी हाइपरग्लाइसेमिक खून में ग्लूकोज के स्तर को कम करने वाले प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है.

HeIp to Improve Immunity : इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक

हल्दी में मौजूद करक्यूमिन हमारे शरीर के लिए बहुत अच्छा होता है. इसके सेवन से एंटीबॉडी प्रतिक्रियाओं में बढ़ोतरी हो सकती है. कच्ची हल्दी के सेवन से इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है.

Raw Turmeric Benefits in Infection: संक्रमण

कच्ची हल्दी किसी भी तरह के संक्रमण को फैलने से रोकने में बहुत प्रभावी है. दरअसल, कच्ची हल्दी एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण से भरपूर होती है, जो शरीर को कई संक्रमण से बचाने में मदद कर सकती है. यही वजह है कि चोट लगने के बाद मां हल्दी वाला दूध पीने को देती है. इसकी वजह से संक्रमण भी नहीं होता और घाव भी तेजी से भर जाते हैं.

Raw Turmeric Benefits: पाचन

कच्ची हल्दी पाचन को बेहतर रखने में बेहद मददगार है. कच्ची हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाचनतंत्र को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं.

Raw Turmeric Benefits: गले की खराश

ठंड के मौसम में बहुत से लोगों को गले में खराश की समस्या देखी जाती है. गले की खराश को दूर करने के लिए आप एक गिलास दूध में कच्ची हल्दी को मिलाकर पी सकते हैं.